25 अप्रैल, 2010

५७ करोड़ के बांड्स का भुगतान नहीं करने पर कार्रवाई विमं के खाते सीज



एक पैसा नहीं खाते में

हालात चिंताजनक 


५७ करोड़ के बांड्स का भुगतान नहीं करने पर कार्रवाई
विमं के खाते सीज

मंडल के पास शुक्रवार को खाते में एक पैसा भी नहीं था। जानकारों के अनुसार, माइनस एक करो़ड़ रुपए का एकाउंट था यानि मंडल से बैंक को एक करो़ड़ रुपए की लेनदारी निकलती है। ऐसा ओवरड्राफ्ट के कारण हुआ।

मंडल ने एसएलआर बांड जारी किए थे। ये ऐसे बांड होते हैं जिनके रि-पेमेंट की पूरी गारंटी होती है। बांड्स को जारी करते वक्त राज्य और केन्द्र से भी अनुमति ली गई थी। ये देश का पहला मामला होगा जहां एसएलआर बांड्स का भुगतान नहीं किया गया।गोपाल अवस्थी

जबलपुर। वित्तीय संकट में फंसे विद्युत मंडल पर से मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कर्मचारियों का वेतन देने प्रदेश सरकार का मुंह ताकने वाले मंडल के सामने अब पंजाब एंड सिंध बैंक ने आफत ख़ड़ी कर दी है। बैंक की याचिका पर डीआरटी दिल्ली ने मंडल के खातों को सीज कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि विद्युत मंडल ने वर्ष २००० के आस-पास बांड जारी किए थे। इन बांड्स को पंजाब एंड सिंध बैंक ने भी लिया था। कुछ साल बाद इन बांड्स की री-पेमेंट के लिए बैंक ने जब पहल की तो मंडल ने असमर्थता जताई। मंडल द्वारा राशि देने से इंकार करने के कारण बैंक ने डेबिट रिकव्हरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) दिल्ली की शरण ली। बैंक का पक्ष सुनने के पश्चात डीआरटी ने उसकी ५७ करो़ड़ राशि के भुगतान हेतु मंडल के खाते अटैच करने का निर्देश जारी कर दिया।

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