................................power is key for development, let us save power,
17 अप्रैल, 2010
कनाडा में बिजली की स्थिति पर प्रवासी भारतीय व ब्लाग जगत में सुप्रसिद्ध समीर लाल की टिप्पणी
इसी कवर स्टोरी में बिजली की वैश्विक स्थिति बताने के लिये मैने देश विदेश से वहां के निवासी मित्रो से वहां बिजली की स्थिति पर विचार बुलवाये थे ... संपादन व संभवतः पृष्ठ संयोजन के चलते वे कवर स्टोरी में तो नही छपे .. पर हैं अति महत्वपूर्ण ..श्री समीर लाल उड़नतश्तरी जी ने कनाडा में बिजली की स्थिति पर बड़े रोचक अंदाज में टिप्पणी भेजी है ... जो यहां प्रस्तुत है ...
बाक्स प्रस्तुति हेतु ...
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कनाडा में बिजली की स्थिति पर प्रवासी भारतीय व ब्लाग जगत में सुप्रसिद्ध समीर लाल की टिप्पणी
मुझे कनाडा आये १० साल से ज्यादा समय हो गया. इस दौरान मात्र एक बार, जो कि ऐतिहासिक दिन बन गया, १४ अगस्त, २००३ को बिजली गई और ऐसी गई कि ४८ घंटे तक पूरा नार्थ अमेरीका बिना बिजली के रहा. सारा जीवन अस्त व्यस्त हो गया. अमरीकी राष्ट्रपति, कनाडा के प्रधानमंत्री सभी ने टीवी पर आकर बाद में जनता से क्षमा मांगी।
फोन लाईने बैठ गई. खाने बनाने के कुकिंग रेंज, ए सी, गरम पानी, फ्रिज सब बंद. लोग एटीएम और क्रेडिट कार्ड के इतने अभयस्त हैं कि २० डालर से ज्यादा कैश नहीं रखते किन्तु बिजली न होने से न तो क्रेडिट कार्ड चल पा रहे थे और न ही एटीएम. ट्रेनें रुक गई तो घर लौटना मुश्किल हुआ जा रहा था दफ्तर से.
सिवाय इस वाकिये के, इन १० सालों में ३-४ बार कुछ सेकेन्ड के लिए ही बिजली गई होगी. यहाँ तो जीवन का आधार ही बिजली है. बाहर कैसा भी मौसम हो -४० डीग्री मगर घर के भीतर बिजली के चलते ही तापमान नियंत्रित किया जाता है. शायद बिना विद्युत प्रवाह के तो एक समय का खाना भी न बन पाये.
मुझे लगता है कि यहाँ पर अब बिना बिजली के जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है और सरकार इस दिशा में सतत प्रयास रत रहती है कि २००३ की स्थितियाँ फिर से निर्मित नहीं हो पायें.
वैसे जनता भी जागरुक है. गर्मी में बिजली की कमी की वजह से जब सरकार घोषणा करती है कि कोशिश करके एनर्जी सेवर डिवाईस लगायें तो सभी लोग तुरंत इस ओर ध्यान देते हैं. एक निश्चित तापमान के बाद एसी कुछ देर बंद हो जाता है और फिर चालू हो जाता है इस डिवाईस से और आपको पता भी नहीं लगता. घोषणा के हिसाब से ही लोग हेवीलोड काम जैसे वाशिंग मशीन, डिश वाशर पीक टाईम के बाद चलाते हैं ताकि लोड एक साथ न पड़े.
बिजली की दर भी सामान्य ही है और एक आम घर का बिजली का बिल ८० से १०० डालर के बीच आता है महिने का.
विद्युत व्यवस्था के हिसाब से इस देश में कोई शिकायत नहीं है.
शायद यही वजह है कि यहाँ आ बसे भारतीय जब भारत पहुँचते हैं तो परेशान हो उठते हैं. सुविधायें बहुत जल्दी आदत खराब करती हैं.
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भारत में बिजली कम और यहाँ की आय के हिसाब से महंगी भी है
जवाब देंहटाएंकृपया उद्घाटित करें कि आप के मुहल्ले में कितने कंटिया कनेक्सन हैं? कितने मीटर खराब हैं? कितने लोगों का कनेक्सन लोड के हिसाब से है? कितने डिफाल्टर हैं? ... अपना देश अजीब कैंसर से ग्रस्त है। न मरने देता है और न ढंग से जीने देता है।
जवाब देंहटाएंहमारे यहाँ कल एक मोहल्ले में बिजली चोरी की आशंका के चलते मीटरों की चेकिंग की गई। तुरन्त भीड़ एकत्रित हो गई, नेता-पार्षद आ गये, बिजली कर्मचारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा दिया, उन्हें मारने-पीटने की धमकी देकर मोहल्ले से भगा दिया गया…। उल्लेखनीय है कि इस मोहल्ले के ट्रांसफ़ार्मर पर लाइन लॉस 83% है। प्रस्ताव (सिर्फ़ प्रस्ताव) था कि उस मोहल्ले की बिजली काट दी जाये, तब तुरन्त सड़क पर चक्काजाम कर दिया गया था।
जवाब देंहटाएंलाठी भी मेरी, भैंस भी मेरी, उसका गोबर भी मेरा, दूध भी मेरा अब बोलो क्या कर लोगे? :) :) :)
बर्फीले मुल्कों में बिजली आवश्यक वस्तु है। इसलिए प्राथमिकता में है। लेकिन हमारे यहाँ आवश्यक श्रेणी में नहीं आती। जिस दिन आएगी उस दिन हमारे यहाँ भी नहीं जाएगी।
जवाब देंहटाएं…और सरकार इस दिशा में सतत प्रयास रत रहती है कि २००३ की स्थितियाँ फिर से निर्मित हो पायें.…??
जवाब देंहटाएंसुविधायें बहुत जल्दी आदत खराब करती हैं।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही, मुंबई में रहकर बिजली के मामले में हमारी आदत भी खराब हो गई है। मुंबई भी कनाडा से कम नहीं बिजली के मामले में :)
विवेक जी,
जवाब देंहटाएंदफ्तर में हम बिजली ऐसे खर्च करते हैं जैसे ससुराल में शाही दामाद आए हो...मजाल है आज तक अपने हाथ से दफ्तर का कोई पंखा, एसी, कूलर, लाइट, कंप्यूटर बंद किया हो...
लेकिन घर आते ही हमें बिजली बचाने की सारी याद आ जाती है...
यानि माले मुफ्त, दिले बेरहम...
जय हिंद...
महोदय
जवाब देंहटाएंकृपया सुधार करें अर्थ का अनर्थ हो रहा है
और सरकार इस दिशा में सतत प्रयास रत रहती है कि २००३ की स्थितियाँ फिर से निर्मित हो पायें.
दिक्कत क्या है जी हम इलाहाबाद में २० डालर (१००० रुपये)दे कर २० घंटा बिजली पा रहे है
आप १०० डालर (५००० रुपये दे कर )२४ घंटा
हमें कोई दिक्कत नहीं
१००० दे कर २० घंटे की जगह
५००० दे कर कोई २४ घंटा बिजली चाहता हो तो बता दे भाई :)
जय हिंद
त्रुटि सुधार कर दिया गया है , ध्यानाकर्षण हेतु आभार केशरी जी
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