26 अगस्त, 2011

बिलो के ई-पेमेंट से भ्रष्टाचार तथा कालेधन के नियंत्रण में मदद.....

बिलो के  ई-पेमेंट से भ्रष्टाचार तथा कालेधन के नियंत्रण में मदद.....

विवेक रंजन श्रीवास्तव
जनसंपर्क अधिकारी, म. प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जबलपुर
९४२५८०६२५२

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली बिलो के  ई-पेमेंट सेवा का शुभारंभ बिल डेस्क नामक कंपनी के सहयोग से किया गया है . बिलडेस्क द्वारा बी एस एन एल , एल आई सी , व कई अन्य विद्युत वितरण कंपनियो के बिल जमा कराने का कार्य पहले से ही चल रहा है . बिल डेस्क का देश के लगभग सभी प्रतिष्ठित बैंको से इस सुविधा के लिये करार है . बैंक इस तरह के भुगतान हेतु एक सामान्य प्रभार लेते हैं जो उपभोक्ता को वहन करना पड़ता है . इस सेवा के प्रथम चरण में जबलपुर, सागर और रीवा शहर के लगभग तीन लाख बिजली उपभोक्ताओं को यह सुविधा प्रदान की जा रही है जिससे किसी भी इंटरनेट कनेक्शन से डेबिट कार्ड , क्रेडिट कार्ड , कैश कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से उपभोक्ता दुनिया में कही से भी अपना बिजली बिल भुगतान कर सकता है।
एमपी ऑनलाइन के टर्मिनल पर  यह सुविधा अभी भी सुलभ है किंतु एमपी ऑनलाइन ने केवल क्रेडिट कार्ड से भुगतान की सुविधा दी थी लिहाजा ये सेवा ज्यादा सफल नहीं हो पाई। इस तथ्य के मद्देनजर कंपनी प्रबंधन ने एक बार फिर ई-पेमेंट को सफल बनाने कमर कसी और खुद की मॉनीटरिंग में नया साफ्टवेयर तैयार कराया।
ई-पेमेंट के लिए अलग से साइट भी बनाई। डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट बिलिंग डॉट एमपीईजेड डॉट ओआरजी नाम की इस साइट पर उपभोक्ता सीधे अपने बिजली बिल को न केवल देख सकेगा बल्कि संबंधित राशि का भुगतान भी कर सकेगा। इस नई सेवा से जबलपुर शहर के सवा दो लाख बिजली उपभोक्ताओं को और रीवा व सागर शहर के चालीस- चालीस हजार उपभोक्ताओं को जो़ड़ा गया है। कंपनी सूत्रों के अनुसार, प्रथम चरण के सफल होने के बाद कंपनी क्षेत्र के दूसरे शहरों को जो़ड़ा जाएगा।
इससे होगा भुगतान......
बिजली उपभोक्ता अपने कैश कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग के जरिए बिजली बिल का भुगतान कर सकेगा। इससे जहां न केवल ब़ड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को भुगतान में आसानी होगी वहीं कंपनी प्रबंधन को बिजली बिल वसूली के लिए पृथक से काउंटर खोलने की भी जरूरत नहीं होगी। इस सुविधा से एटीपी मशीनों पर भी शुरू हो रही कतारों पर विराम लगेगा।
तो पैसा वापस होगा.......
यदि किसी उपभोक्ता द्वारा पैसा जमा किया जाता है लेकिन किसी कारण से ट्रांजिक्शन फेल होता है तो संबंधित उपभोक्ता के एकाउंट में रेलवे रिजर्वेशन की ही तरह स्वतः ही  पैसा वापस हो जाएगा।
रसीद भी मिलेगी......
ई-पेमेंट की वेबसाइट में ही राशि जमा करते ही रसीद भी तैयार हो जाएगी जिसका उपभोक्ता प्रिंट आउट ले सकता है। इतना ही नहीं, बिल के साथ पिछले माहों में जमा किए गए पैसों का ब्यौरा भी स्क्रीन पर आ जाएगा।
भ्रष्टाचार तथा कालेधन के नियंत्रण में मदद.....
चूंकि इस तरह बिजली बिलों का भुगतान इलेक्ट्रानिक विधि से होगा अतः इससे भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त हो जायेगी , उपभोक्ता स्वयं ही अपना बिल जमा करेगा .साथ ही इस तरह से  कालेधन से बिजली बिल जमा करना संभव नही होगा एवं कालेधन के  नियंत्रण में मदद मिलेगी .
यदि इस तरह के भुगतान पर कुछ छूट की योजनाये सरकारी विभाग प्रस्तुत करें तो भीड़ से बचने तथा छूट का लाभ लेने के लिये अनेक लोग इसका प्रयोग करेंगे और इस तरह कालेधन पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सकेगा .

   

24 अगस्त, 2011

निजीकरण के दुष्परिणाम

निजीकरण के दुष्परिणाम ही कहेंगे कि बड़वानी में बस में सवारी बैठाने के विवाद पर लोग जिंदा जला दिये गये बस सहित ...
ऐसा व्यवहार समूचे मध्य प्रदेश में जगह जगह यात्री भुगत रहे हैं .
कल जब विद्युत वितरण में निजीकरण और फ्रेंचाइजी प्रभावी हो जावेंगे तो बिजली बिल की वसूली या न पटाने के विवाद पर किसी को करंट लगाने की धमकी मिले तो आश्चर्य नही ....

21 अगस्त, 2011

भारत सौर ऊर्जा से चलने वाले यूएवी बनाएगा


भारत सौर ऊर्जा से चलने वाले यूएवी बनाएगा

 भारत सौर ऊर्जा से चलने वाले मानवरहित निगरानी विमान (यूएवी) विकसित करने की योजना बना रहा है जो सभी मौसम में कम से कम एक महीने तक लगातार उड़ने में सक्षम होगा।

डीआरडीओ के प्रवक्ता रवि गुप्ता ने कहा कि हम सौर ऊर्जा से चलने में सक्षम मानवरहित निगरानी विमान (यूएवी) विकसित करने की योजना बना रहे है जो लंबी दूरी तक और स्थायी रूप से काम कर सकेगा। हम यूएवी तकनीक में अपनी कुशलता में विविधता लाने की योजना बना रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि इन मानवरहित यूएवी में से एक का डिजाइन और विकास लंबी दूरी तक निगरानी के लिये किया गया है जो एक महीने तक हरेक मौसम में आकाश में उड़ान भर सकेगा। इस विमान में विशेष रूप से डिजाइन किये गये सोलर पैनल लगाये गये हैं जो इसे रात में और बादल रहने पर भी उड़ान जारी रखने में सक्षम बनायेंगे  ।

डीआरडीओ अधिकारियों ने कहा कि यह यूएवी रियल टाइम सूचना और सुरक्षित डाटा लिंक के जरिये इलाके की सूचनायें देने में समर्थ होगा। रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने रूस्तम-१ यूएवी विकसित किया है जो २४ से ३६ घंटे तक हवा में रह सकता है, जबकि निशांत पांच घंटे तक उड़ान भर सकता है।

15 अगस्त, 2011

आज रात ८ से ९ बजे अन्य दिनो की तुलना में बिजली की बचत बता देगी कितने लोग अन्ना के साथ हैं ...

आज रात ८ से ९ बजे अन्य दिनो की तुलना में  बिजली की बचत बता देगी कितने लोग अन्ना के साथ हैं ...