नव विचार
ई मेल एड्रेस का पंजीकरण कानूनी रूप से जरूरी हो
इंजी विवेक रंजन श्रीवास्तव
ओ बी ११ विद्युत मण्डल कालोनी रामपुर जबलपुर
vivekranjan.vinamra@gmail.com
मो 9425806252
इंटरनेट से जुड़ी आज की दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति का ई मेल एड्रेस होना एक अनिवार्यता बन चुका है ! ई गवर्नेंस पेपर लैस बैंकिंग तथा रोजमर्रा के विभिन्न कार्यो हेतु कम्प्यूटर व इंटरनेट का उपयोग बढ़ता जा रहा है ! मोबाइल के द्वारा इंटरनेट सुविधा ब्राडबैंड , ३जी सेवाओ आदि की बढ़ती देशव्यापी पहुंच से एवं इनके माध्यम से त्वरित वैश्विक संपर्क सुविधा के कारण अब हर व्यक्ति के लिये ईमेल पता बनाना जरूरी सा हो चला है . नई पीढ़ी की कम्प्यूटर साक्षरता स्कूलो के पाठ्यक्रम के माध्यम से सुनिश्चित हो चली है . समय के साथ अद्यतन रहने के लिये बुजुर्ग पीढ़ी की कम्प्यूटर के प्रति अभिरुचि भी तेजी से बढ़ी है . ई मेल के माध्यम से न केवल टैक्सट वरन , फोटो , ध्वनि , वीडियो इत्यादि भी उतनी ही आसानी से भेजे जाने की तकनीकी सुविधा के चलते ई मेल का महत्व बढ़ता ही जा रहा है .हिन्दी व अन्य क्षेत्रीय भाषाओ में साफ्टवेयर की उपलब्धता तथा एक ही मशीन से किसी भी भाषा में काम करने की सुगमता के कारण जैसे जैसे कम्प्यूटर का प्रयोग व उपयोगकर्ताओ की संख्या बढ़ रही है , ई मेल और भी प्रासंगिक होता जा रहा है .ई मेल के माध्यम से सारी दुनियां में किसी भी इंटरनेट से जुड़े हुये कम्प्यूटर पर बैठकर केवल अपने पासवर्ड से ईमेल के द्वारा आप अपनी डाक देख सकते हैं व बिना कोई सामग्री साथ लिये अपने ई मेल एकाउंट में सुरक्षित सामग्री का उपयोग कर पत्राचार कर सकते हैं . यह असाधारण सुविधा तकनीक का , युग को एक वरदान है .
आज लगभग हर संस्थान अपनी वेब साइट स्थापित करता जा रहा है . विजिटंग कार्ड में ई मेल पता , वेब एड्रेस , ब्लाग का पता होना अनिवार्य सा हो चला है .किसी संस्थान का कोई फार्म भरना हो , आपसे आपका ई मेल पता पूछा ही जाता है .हार्ड कापी में जानकारी तभी आवश्यक हो जाती है , जब उसका कोई कानूनी महत्व हो , अन्यथा वेब की वर्चुएल दुनियां में ई मेल के जरिये ही ढ़ेरो जानकारी ली दी जा रही हैं . मीडिया का तो लगभग अधिकांश कार्य ही ई मेल के माध्यम से हो रहा है .
विभिन्न कंपनियां जैसे गूगल , याहू , हाटमेल , रैडिफ , आदि मुफ्त में अपने सर्वर के माध्यम से ई मेल पता बनाने व उसके उपयोग की सुविधा सभी को दे रही हैं .ये कंपनियां आपको वेब पर फ्री स्पेस भी उपलब्ध करवाती हैं , जिसमें आप अपने डाटा स्टोर कर सकते हैं . क्लिक हिट्स के द्वारा इन कंपनियों की साइट की लोकप्रियता तय की जाती है , व तदनुसार ही साइट पर विज्ञापनो की दर निर्धारित होती है जिसके माध्यम से इन कंपनियो को धनार्जन होता हैं .
ई मेल की इस सुविधा के विस्तार के साथ ही इसकी कुछ सीमायें व कमियां भी स्पष्ट हो रही हैं .मुफ्त सेवा होने के कारण हर व्यक्ति लगभग हर प्रोवाइडर के पास मामूली सी जानकारियां भरकर , जिनका कोई सत्यापन नही किया जाता , अपना ई मेल एकाउंट बना लेता है . ढ़ेरो फर्जी ई मेल एकाउंट से साइबर क्राइम बढ़ता ही जा रहा है .वेब पर पोर्नसाइट्स की बाढ़ सी आ गई है . आतंकी गतिविधियों में पिछले दिनो हमने देखा कि ई मेल के ही माध्यम से धमकी दी जाती है या किसी घटना की जबाबदारी मीडिया को मेल भेजकर ही ली गई . यद्यपि वेब आई पी एड्रेस के जरिये आई टी विशेषज्ञो की मदद से पोलिस उस कम्प्यूटर तक पहुंच गई जहां से ऐसे मेल भेजे गये थे , पर इस सब में ढ़ेर सा श्रम , समय व धन नष्ट होता है .चूंकि एक ही कम्प्यूटर अनेक प्रयोक्ताओ के द्वारा उपयोग किया जा सकता है , विशेष रूप से इंटरनेट कैफे , या कार्यालयों में इस कारण इस तरह के साइबर अपराध होने पर व्यक्ति विशेष की जबाबदारी तय करने में बहुत कठिनाई होती है .
अब समय आ गया है कि ई मेल एड्रेस का पंजीकरण कानूनी रूप से जरूरी किया जावे . जब जन्म , मृत्यु , विवाह , ड्राइविंग लाईसेंस ,पैन कार्ड , पासपोर्ट , राशन कार्ड , जैसे ढ़ेरो कार्य समुचित कार्यालयो के द्वारा निर्धारित पंजियन के बाद ही होते हैं तो इंटरनेट पर यह अराजकता क्यो ? ईमेल एकाउंट के पंजियन से धारक का डाक्यूमेंटेड सत्यापन हो सकेगा तथा इसके लिये निर्धारित शुल्क से शासन की अच्छी खासी आय हो सकेगी . पंजियन आवश्यक हो जाने पर लोग नये नये व्यर्थ ईमेल एकाउंट नही बनायेंगे , जिससे वेब स्पेस बचेगी , वेब स्पेस बनाने के लिये जो हार्डवेयर लगता है , उसके उत्पादन से जो पर्यावरण ह्रास हो रहा है वह बचेगा , इस तरह इसके दीर्घकालिक , बहुकोणीय लाभ होंगे . जब ईमेल उपयोगकर्ता वास्तविक हो जायेगा तो उसके द्वारा नेट पर किये गये कार्यो हेतु उसकी जबाबदारी तय की जा सकेगी . हैकिंग से किसी सीमा तक छुटकारा मिल सकेगा . वेब से पोर्नसाइट्स गायब होने लगेंगी , व इससे जुड़े अपराध स्वयमेव नियंत्रित होंगे तथा सैक्स को लेकर बच्चो के चारित्रिक पतन पर कुछ नियंत्रण हो सकेगा .
चूंकि इंटरनेट वैश्विक गतिविधियो का सरल , सस्ता व सुगम संसाधन है , यदि जरूरी हो तो ईमेल पंजियन की आवश्यकता को भारत को विश्व मंच पर उठाना चाहिये , मेरा अनुमान है कि इसे सहज ही विश्व की सभी सरकारो का समर्थन मिलेगा क्योंकि वैश्विक स्तर पर माफिया आतंकी अपराधो के उन्मूलन में भी इससे सहयोग ही मिलेगा .
इंजी विवेक रंजन श्रीवास्तव
ओ बी ११ विद्युत मण्डल कालोनी रामपुर जबलपुर
vivekranjan.vinamra@gmail.com
मो 9425806252
लेखक को नवाचार व रचनात्मक साहित्यिक गतिविधियो के लिये रेड एण्ड व्हाइट पुरुस्कार मिल चुका है .
अच्छा सुझाव दिया :)
जवाब देंहटाएंविश्वसनीयता और कानूनी प्रमाणिकता के लिए ठोस कदम उठाने और महत्वपूर्ण बदलाव की आवश्यकता तो है /
जवाब देंहटाएंaap ka kahna sahi he e mail id ka panjiyan jaruri he
जवाब देंहटाएंsahi kaha he aap ne
जवाब देंहटाएंpar agar email id ka verification jaruri hoga to ek vyakti ko bht sarre email id lene me dikkat hogi...
जवाब देंहटाएंnamit..
do visit http://i-am-a-man-namit.blogspot.com/2010/08/fantasy-fone.html
bhai maine toh ek hi bana rakha hai aur har jagah wahi deta rahta hu........ tu mujhe kafi saare inbox sambhalne ki pareshani nahi hoti......thoda aasan ho jaata hai........
जवाब देंहटाएंlekin isse kanooni jaama pahnana bahut hi muskhil ho sakta hai......fir yaha har kissi ke pass thodi hai mail ID.......yeh sahuliyat toh sirf metro's aur kuch chote shahro mein rahno walo ke pass hai.......gaon kucho mein toh bahut pareshani ho jayegi