किसी की बड़ाई करने के लिये किसी दूसरे की बुराई करना जरूरी है क्या ?
आज ई टीवी म.प्र. पर म. प्र. सरकार का एक विज्ञापन देखा .
लोकसेवा गारंटी अधिनियम की बड़ाई करते हुये , बिजली विभाग के इंजीनियर की सरे आम बुराई की गई है कि वे ट्रांस्फारमर बदलने के लिये वे ग्रामीणो की नही सुनते हैं .
विज्ञापन में ग्रामीणो को सिखाया गया है कि इंजीनियर साहब को लोकसेवा गारंटी अधिनियम की ढ़मकी दो , काम हो जावेगा .
आखिर सरकार समाज को क्या सिखाना चाहती है ?? मेरा मानना है कि इस तरह का नकारात्मक सरकारी विज्ञापन अविलंब बंद किया जाना चाहिये !
मेरे विचार से लोगों में जोश भरना , और अपना अधिकार जानना वैसे आपकी बात भी सही है
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