25 दिसंबर, 2010

ए टी पी से करें कभी भी कहीं भी , अपनी देनदारियों का भुगतान .

ए टी पी से करें कभी भी कहीं भी , अपनी देनदारियों का भुगतान ...

विवेक रंजन श्रीवास्तव
अतिरिक्त अधीक्षण इंजीनियर
ओ बी ११ , विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर , जबलपुर
म.प्र.पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी , जबलपुर
vivek1959@yahoo.co.in


आज के समय में भौतिक संसाधनो ने हमें सुविधा भोगी बना दिया है . हर आदमी जल्दी में है . हमारे पास सब कुछ है , जो नही है वह जुटाने में हम सब व्यस्त हैं , किन्तु इस आपाधापी में समय की कमी है.दिन रात के चौबीस घंटो को बढ़ा सकने की , या समय बचा सकने की कला ढ़ूंढ़ने में हम लगे हैं .   बैंक में लम्बी कतार में लगकर रुपये निकालने के दिन अब पुराने हो चुके हैं , जगह जगह ए टी एम मशीन लग चुकी हैं , अपना कार्ड डालिये , पासवर्ड दबाइये और रुपये निकाल लीजीये .. कितना सुविधाजनक है .
रुपये निकालना तो सरल हो गया है पर जब बिजली का बिल ,नल के  पानी का बिल ,टेलीफोन या मोबाइल का बिल , गाड़ियो का टैक्स ,बच्चो के स्कूल की फीस , इंश्योरेंस का प्रिमियम भरना हो और लाइन लम्बी हो , या कलेक्शन विंडो बंद हो अथवा काउंटर क्लर्क चाय पीने सीट छोड़कर कहीं चला गया हो तो हम अधीर हो उठते हैं , हमें गुस्सा भी आता है और हम लाइन में लगे हुये अन्य लोगों के साथ व्यवस्था पर दोषारोपण के भाषण देने से बाज नहीं आते . अब समय व सुविधा हमारे लिये महत्वपूर्ण हो चुकी है . यही कारण है कि दलाल , ब्रोकर , व एजेंट फल फूल रहे हैं . आर टी ओ , पासपोर्ट , वीसा आदि अनेक व्यवस्थाओ में तो एजेंट के बिना काम ही नही होता .
पाया गया है कि उपभोक्ता सुविधाओ के विस्तार में  मानवीय व्यवस्थाओ की अपेक्षा इलेक्ट्रानिक , या मशिनी व्यवस्थायें अधिक कारगर साबित हुई हैं .फैक्ट्री में कर्मियो के आने जाने पर निगरानी व रिकार्ड रखने वाली मशीन हो ,   रेल्वे स्टेशन पर वजन लेने की आटोमेटिक मशीन हो , कागज के नोट को चिल्हर में बदलने वाली मशीन हो , मंदिरों में नारियल फोड़ने वाली मशिन हो ,न्यूज पेपर , या कंडोम वेंडिग मशीनें हों जहाँ भी संभव हुआ हैं , मशीनो ने अधिक विश्वसनीय , व निरापद सुविधायें बढ़ाई हैं .

 इसी क्रम में विगत कुछ ही समय से ए टी पी मशीन से  कभी भी कहीं भी , अपनी देनदारियों का भुगतान करने की सुविधा अनेक कंपनियो के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है . म.प्र.पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी , जबलपुर ने म.प्र. में सर्वप्रथम यह उपभोक्ता सुविधा जुटाकर महत्वपूर्ण कार्य किया . कंपनी के सी एम डी श्री पंकज अग्रवाल आई ए एस महोदय ने स्पष्ट सोच सामने रखी .उनके अनुसार जब उपभोक्ता बिजली बिल जमा करना चाहता है , तो उसे सम्मान पूर्वक , साफसुथरे वातावरण में बिना लम्बी लाइन में लगे अपने बिल जमा करने का अवसर दिया जाना जरूरी है इससे  कंपनी के राजस्व में वृद्धि होगी . पहले बिजली बिल जमा करने की अंतिम  तिथि के दिनो में समय से पहले बिजली बिल जमा करने के लिये लम्बी लाइनें लगती थीं ,क्योकि  बिल जमा होने में नियत तारीख से देर हो जाने पर उपभोक्ता को पेनाल्टी देनी पड़ती है , अतः भीड़ व पेनाल्टी से बचने के लिये लोग अलग से  कुछ सेवाशुल्क देकर एजेंटो या बिजली कर्मचारियो के माध्यम से बिल जमा करवाते थे . बिल जमा करने के काउंटर पर भीड़ नियंत्रित करने के लिये गार्डस की व्यवस्था तक करनी पड़ती थी . ज्यादा काम होने से बिल जमा करने वाले व्यक्ति से मानवीय त्रुटि होना स्वाभाविक है , अनेक प्रकरण सामने आये जिनमें जानबूझकर या त्रुटिवश फाइनेंशियल डिफाल्केशन हुआ .बढ़ती आबादी के चलते उपभोक्ताओ की संख्या में निरंतर वृद्धि और दूसरी ओर कर्मचारियो की संख्या में लगातार कमी से दबाव बढ़ता जा रहा था . नई नीति के अनुसार उपभोक्ता सेवा केंद्रो का विस्तार व निर्माण का महत्वपूर्ण कार्य किया गया .एम पी आनलाइन के माध्यम से भी बिल जमा करने की सेवा प्ररंभ की गई . पर सबसे प्रभावी व क्रांतिकारी कदम के रूप में  ए टी पी मशीनो की स्थापना की गई .  ए टी पी मशीन लगाने वाली कुछ कंपनियो में से एक एस पी एम एल टैक्नालाजी बैंगलोर के साथ करार किया गया व उक्त संस्था ने एटीएम मशीनो की ही तरह जगह जगह एटीपी मशीनें स्थापित की हैं जिनमें कंप्यूटर साफ्टवेयर के माध्यम से टच स्क्रीन विंडो के द्वारा २४ घंटे , ३६५ दिन नगद , चैक , ड्राफ्ट , क्रैडिट कार्ड , या डेबिट कार्ड के जरिये बिल भुगतान की सहज सुविधा सुलभ कराई गई है .एटीपी मशीन का उपयोग बिना पढ़े लिखे उपभोक्ता भी कर सकें  इसके लिये प्रत्येक एटीपी पर एक सहायक रखा गया है , जो मशीन से बिल जमाकर रसीद देने में उपभोक्ता की सहायता करता है व मशीन की सुरक्षा की जबाबदारी भी उठाता है . इस तरह ए टी पी से नये रोजगार भी सृजित हुये .  इसके लिये  आर एम एस सिस्टम भी केंद्रीकृत किया गया  व इस तरह जहाँ  एक ओर किसी भी एटीपी से किसी भी क्षेत्र के बिल के भुगतान की सुविधा उपभोक्ता को मिल सकी तो दूसरी ओर कंपनी के हित में राजस्व की जानकारी एक क्लिक पर मिलने लगी तथा इस पद्धति से भ्रष्टाचार पर नियंत्रण भी हुआ . वर्तमान में म.प्र. में एटीपी मशीनो से केवल बिजली बिलो का ही भुगतान हो रहा है , पर इन मशीनो के द्वारा  पानी का बिल ,टेलीफोन या मोबाइल का बिल , गाड़ियो का टैक्स ,बच्चो के स्कूल की फीस , इंश्योरेंस का प्रिमियम आदि का भी भुगतान करने की व्यवस्था की जा सकती है , जरुरत केवल तकनीक के जन सामान्य के हित में समुचित दोहन की है .
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