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21 मार्च, 2009
पुलिस पर बिजली चोरी का आरोप है।
मुंबई पुलिस अपराधियों को पकड़ने के साथ खुद भी चोरी का काम शुरू कर चुकी है। पुलिस पर बिजली चोरी का आरोप है। यह नायाब तरीका मुंबई में करीब 88 पुलिस चौकियों में वर्षों से आजमाया जा रहा है। एक चौकी तो ऐसी है कि 2001 से अब तक सिर्फ सात यूनिट ही खर्च कर पाई है।मुंबई पुलिस के मरीन ड्राइव ट्रैफिक पुलिस चौकी पर एक विज्ञापन बोर्ड 2001 से लगा है। इसमें 2001 से इलेक्ट्रिक सप्लाई दी जा रही है लेकिन तब से अब तक यह मीटर मात्र सात यूनिट ही बता रहा है। आई के चौगानी ने इस विज्ञापन बोर्ड को लेकर एक अपील बंबई हाईकोर्ट में डाली है। अपील में उन्होने कहा है कि करीब तीन-चार सप्ताह से मैं मरीन ड्राईव चौकी के मीटर को देख रहा हूं वह सात यूनिट ही है। जबकि यहां पर विज्ञापन बोर्ड दिन-रात रौशन रहता है। इसलिए मुझे शक है कि बिजली की यहां चोरी की जा रही है। चौगानी ने मुंबई के अन्य पुलिस चौकियों पर भी आरोप लगाया है कि शहर में कई पुलिस चौकियां अवैध रूप से स्ट्रीट लाइट और ट्रैफिक सिग्नल से बिजली की चोरी कर इस्तेमाल कर रही है।इस अपील के जवाब में बेस्ट के सहायक जेनरल मैनेजर अशोक वासुदेव ने कहा कि वह मीटर एक आउटडोर कंपनी के नाम पर लगाया गया था लेकिन इस अपील के बाद हमने मीटर बदल दिया है और पुराने मीटर को जांच के लिए भेज दिया गया है। यहीं नहीं इसमें 88 पुलिस चौकियों की लंबी फेहरिस्त है जो कि बिजली की चोरी करते हैं। इनमें से 42 चौकियों के खिलाफ कदम उठाये गए हैं, इन चौकियों में अवैध रूप से बिजली का उपयोग किया जा रहा था और 16 चौकियां ऐसी थी जो कि बिना मीटर के बिजली का उपयोग रहीं थीं।
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अपराधियों की संगति का असर तो रंग लाएगा ही ...
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