26 फ़रवरी, 2012

घाटे वाले इलाकों में मिलेगी ज्यादा महंगी बिजली !

घाटे वाले इलाकों में मिलेगी ज्यादा महंगी बिजली
प्रदेश में दो बिजली दरें!

शुंगलू कमेटी की अनुशंसा पर गंभीरता से विचार


मध्यप्रदेश में इस साल एक साथ दो बिजली टैरिफ (दरें) लागू किए जा सकते हैं। इस संबंध में शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार हो रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक घाटे वाले इलाकों में महंगी बिजली देने का सुझाव है। इस पर अमल हुआ तो पड़ोसी कॉलोनियों में भी बिजली की अलग-अलग दरें होंगी। मसलन, एक सामान्य टैरिफ होगा और दूसरा घाटा देने वाले इलाकों में महंगी बिजली का टैरिफ होगा। महंगी दर वाले इलाकों में ७० फीसद शहरी इलाके होंगे। ऐसा करने पर दोहरी बिजली दर लागू करने वाला मप्र देश का पहला राज्य होगा। फिलहाल प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियां हाई लॉस वाले इलाकों में ज्यादा बिजली कटौती कर रही हैं।

राज्य में बिजली की नई दरें तय करने जनसुनवाई अंतिम दौर में है। ऐसे में देश के पूर्व सीएजी वीके शुंगलू की अध्यक्षता में बिजली वितरण की आर्थिक स्थिति पर अध्ययन करने के लिए बनी नौ सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट पर विचार मंथन शुरू हो गया है। यह रिपोर्ट पिछले दिनों ही आई है। शुंगलू कमेटी ने अनुशंसा की है कि घाटे वाले इलाकों में महंगी बिजली दी जाए।

शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक बिजली कंपनियों का घाटा वास्तविक है। इसलिए उसे दूर करना जरूरी है, अन्यथा बिजली कंपनियां अधिक समय तक नहीं चल सकेंगी। अभी बिजली नियामक आयोग उनके वास्तविक घाटे को उतनी तवज्जो नहीं दे रहा है। लेकिन इसका बोझ सब पर नहीं डाला जा सकता। इसलिए जिन इलाकों में बिजली कंपनियों को ज्यादा घाटा है, वहां पर बिजली अधिक महंगी कर देना चाहिए। नियामक आयोग को उन इलाकों के लिए अलग से महंगा टैरिफ देना चाहिए। शुंगलू कमेटी को भारत सरकार के स्तर पर मध्यप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में बिजली के घाटे की स्थिति पर अध्ययन के लिए बनाया गया था।शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में घाटे वाले बिजली फीडरों पर अलग से दर रखने के लिए कहा गया है। आयोग की प्राथमिकता में कमेटी की रिपोर्ट है, लेकिन अभी उस पर अमल बाकी है।

मध्यप्रदेश में इस साल एक साथ दो बिजली टैरिफ (दरें) लागू किए जा सकते हैं। इस संबंध में शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार हो रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक घाटे वाले इलाकों में महंगी बिजली देने का सुझाव है। इस पर अमल हुआ तो पड़ोसी कॉलोनियों में भी बिजली की अलग-अलग दरें होंगी। मसलन, एक सामान्य टैरिफ होगा और दूसरा घाटा देने वाले इलाकों में महंगी बिजली का टैरिफ होगा। महंगी दर वाले इलाकों में ७० फीसद शहरी इलाके होंगे। ऐसा करने पर दोहरी बिजली दर लागू करने वाला मप्र देश का पहला राज्य होगा। फिलहाल प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियां हाई लॉस वाले इलाकों में ज्यादा बिजली कटौती कर रही हैं।

राज्य में बिजली की नई दरें तय करने जनसुनवाई अंतिम दौर में है। ऐसे में देश के पूर्व सीएजी वीके शुंगलू की अध्यक्षता में बिजली वितरण की आर्थिक स्थिति पर अध्ययन करने के लिए बनी नौ सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट पर विचार मंथन शुरू हो गया है। यह रिपोर्ट पिछले दिनों ही आई है। शुंगलू कमेटी ने अनुशंसा की है कि घाटे वाले इलाकों में महंगी बिजली दी जाए।

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