दीपावली के मूल में प्रकाश का विस्तार है , और आज सतत प्रकाश का पर्याय है बिजली ..
दीपावली का आधार है ठोस निर्माण , और आज प्रत्येक कर्म के लिये अनिवार्य है बिजली ...
दीपावली नेह और खुशियो का उल्लास है , और बिजली ही है जो उर्जा देती है अनवरत हमारी खुशियो को ...
क्षिति , जल , पावक , पवन , समीर ..पंच तत्वो को हमारी संस्कृति ने स्वीकारा है ,
अब समय आ गया है कि बिजली की छिपी हुई शक्ति को जो इलेक्ट्रान , प्रोटान के रूप में हर तत्व में समाई हुई है ,
जो नभ में है , जो जल में है , जो पृथ्वी में है ...
उसे छठवें आध्यात्मिक तत्व के रूप में स्थान दिया जावे .
बिजली को महत्व दें , बिजली कर्मियो को सम्मान दें ,
बिजली रेल की तरह राष्ट्र को एक सूत्र में जोड़ती है ....बिजली को केंद्रीय विषय बनाया जावे ...
happy deepawali...
आप को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
जवाब देंहटाएंमैं आपके -शारीरिक स्वास्थ्य तथा खुशहाली की कामना करता हूँ