23 नवंबर, 2010

थोरियम की ऊर्जा से होगा खूब उजाला

थोरियम की ऊर्जा से होगा खूब उजाला
साभार नई दुनिया २४नवम्बर ११


थोरियम यूरेनियम की तुलना में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और उसकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता यूरेनियम से २०० गुना अधिक है। मसलन एक टन थोरियम ३५ लाख टन कोयले के बराबर ऊर्जा उत्पन्ना कर सकता है।

मुकुल व्यास




दुनिया में बहुतायत में पाई जाने वाली थोरियम धातु खनिज ईंधन पर हमारी निर्भरता समाप्त कर सकती है लेकिन इसके लिए राष्ट्रपति ओबामा और पश्चिम के अन्य नेताओं को कुछ साहसिक निर्णय लेने पड़ेंगे। वैज्ञानिकों का दावा है कि थोरियम रिएक्टर दुनिया को ५ साल केअंदर खनिज तेल से मुक्ति दिला सकते हैं। थोरियम यूरेनियम की तुलना में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और उसकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता यूरेनियम से २०० गुना अधिक है। मसलन एक टन थोरियम ३५ लाख टन कोयले के बराबर ऊर्जा उत्पन्ना कर सकता है। थोरियम ईंधन का बहुत ही किफायती स्रोत है। कुदरती यूरेनियम को न्यूक्लियर रिएक्टर में इस्तेमाल करने से पहले काफी परिशोधित करना पड़ता है लेकिन थोरियम के मामले में ऐसा नहीं है। लगभग सारे थोरियम को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।



सर्न (योरपीय परमाणु अनुसंधान संगठन) के पूर्व निदेशक कार्लो रूबिया ने यूरेनियम रिएक्टरों के सस्ते, स्वच्छ और किफायती विकल्प के तौर पर थोरियम के इस्तेमाल का आइडिया रखा है। थोरियम का इस्तेमाल अगली पीढ़ी के परमाणु बिजलीघरों में एनर्जी एम्प्लीफायर के रूप में किया जा सकता है। रूबिया के मुताबिक मुट्ठीभर थोरियम से लंदन जैसे शहर को एक हफ्ते तक रोशनी दी जा सकती है। थोरियम अपने खतरनाक कचरे को खुद हजम कर जाता है। यह यूरेनियम रिएक्टरों द्वारा छोड़े गए प्लूटोनियम की भी सफाई कर देता है। इस तरह यह एक ईको-क्लिनर के रूप में भी कैरी करता है। थोरियम इतनी आसानी से उपलब्ध है कि खनिक समुदाय इसे सिरदर्द के रूप में देखते हैं। इसे रेयर-अर्थ धातुओं की खुदाई के दौरान वेस्ट प्रोडक्ट समझा जाता है।



रूबिया के आइडिया पर अभी काफी काम करने की जरूरत है, लेकिन इसकी संभावित क्षमता को देखकर नार्वे की एक फर्म अकेर सल्यूशंस ने थोरियम साइकल के बारे में रूबिया का पेटेंट खरीद लिया है। अब वे एक प्रोटोन एक्सेलरेटर के डिजाइन पर काम कर रही हैं। १.८ अरब डॉलर की यह परियोजना नन्हे भूमिगत परमाणु रिएक्टरों के नेटवर्क को जन्म दे सकती है। इस नेटवर्क के प्रत्येक रिएक्टर से ६०० मेगावॉट बिजली उत्पन्न हो सकती है। बड़े-बड़े पारंपरिक न्यूक्लियर रिएक्टर की तुलना में इन नन्हे रिएक्टरों को सुरक्षा के लिए लंबे-चौड़े तामझाम की जरूरत नहीं पड़ेगी। थोरियम में अपार संभावनाएँ हैं। थोरियम सैकड़ों या हजारों वर्षों तक भविष्य की सभ्यताओं को ऊर्जा प्रदान कर सकता है।



थोरियम आधारित नई टेक्नोलॉजी का विकास भारत के लिए एक अच्छी खबर हो सकता है। हमारे देश में थोरियम का प्रचुर भंडार है। भारत का इरादा २०४० तक बड़े पैमाने पर थोरियम आधारित रिएक्टर बनाने का भी है।

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