प्रिमियम बिजली वितरण प्रणाली विकसित की जावे ?
by-ER.Vivek Ranjan Shrivastava
Certified Energy Manager
Adll.Sup.Engineer , M .P . S . E . BOARD , JABALPUR
आज के बिजली वितरण परिदृश्य में अगले १५ ..२०.. . वर्षो तक बिजली की समस्या पूरी तरह हल होती नही दिखती . सुविधा हेतु लोग इनवर्टर , स्वयं के छोटे जनरेटर आदि उपकरण लगाने को मजबूर हैं . बिजली के क्षेत्र में , प्रतियोगित्मक बिजली वितरण हेतु निजिकरण किया जा रहा है . किन्तु जब एकल प्रदाता ही सब जगह नही पहुंच पाया है ,और मांग पर हर एक को तुरत बिजली कनेक्शन व अनवरत बिजली सुलभ नही करवा पा रहा है , तो यह कल्पना करना कि बिजली वितरण का क्षेत्र मोनोपाली एण्ड रिस्ट्रिक्टेड ट्रेड प्रैक्टिस एक्ट के अंतर्गत सच्चे स्वरूप में लाया जा सकेगा , व उपभोक्ता को यह अधिकार होगा कि वह किससे बिजली खरीदे , सैद्धांतिक सोच मात्र लगती है .
आज के परिदृश्य में , बिजली वितरण कंपनियों पर राजनेता प्राफिट कमाने के लिये दबाव बना रहे हैं , एवं बिजली वितरण को को सामाजिक विकास के क्षेत्र की अवधारणा से अलग हटकर व्यवसायिक क्षेत्र व निजीकरण के चश्में से देखा जा रहा है . ऐसे समय में मेरा सुझाव तो यह है कि वितरण कंपनियों को प्रिमियम बिजली वितरण प्रणाली विकसित करना चाहिये . जो ज्यादा पैसा देगा उसे अनवरत बिजली तो मिलेगी . पीकिंग अवर्स में सक्षम लोग इस प्रिमियम बिजली वितरण प्रणाली से बिजली खरीद सकेंगे .इससे बिजली चोरी पर नियंत्रण हो सकेगा .
मैने अपने वर्ष २०००...२००१ के आसपास छपे लेखों में एक साथ किये जा रहे देश व्यापी बिजली के निजीकरण के खतरों के प्रति चेताया था , व लिखा था कि बिजली के दाम बेहिसाब बढ़ेंगे . आज बिजली १६ रु. यूनिट तक पहुंच रही है ..
ऐसे कठिन समय में बिजली वितरण को लेकर मेरे इस सुझाव पर आपकी प्रतिक्रियाओ की अपेक्षा रहेगी ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
स्वागत है आपकी प्रतिक्रिया का.....