18 जून, 2011

बिजली तंत्र पर...जबलपुर .में उर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल

बिजली तंत्र पर २००० करोड़ का अतिरिक्त भार

साभार नई दुनिया , जबलपुर .

७०० करो़ड़ रुपए विद्युत वितरण कंपनियों के पास अतिरिक्त रूप से आएंगे। इसे लेकर लोग महंगाई का हो-हल्ला मचा रहे हैं लेकिन केन्द्र जो दो हजार करो़ड़ रुपए का बोझ डाल रही है उसके लिए कोई विरोध नहीं कर रहा। श्री शुक्ल ने माना कि केन्द्र के रवैये से बिजली तंत्र का संचालन मुश्किल होगा लेकिन उसे बेहतर ढंग से काम करने के लिए प्रदेश सरकार मदद करेगी। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों के पास ज्यादा पैसा आए इसके लिए उन्हें हर हाल में वितरण हानि १५ प्रतिशत से कम पर लाने हिदायत दी गई है। इसके साथ बकाया राशि को भी तेजी से वसूलने कहा गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम प्रदेश का बिजली उत्पादन ५००० मेगावाट ब़ढ़ाने जा रहे हैं। फ्रेंचाइजी के मुद्दे पर उनका कहना था कि काफी सोच विचार के बाद जनकल्याणकारी मॉडल पेश किया गया है। इसमें जनता के हित सभी प्रकार से सुरक्षित रहेंगे।

आराम की नौकरी नहीं- श्री शुक्ल ने कहा कि बिजली अधिकारियों, कर्मचारियों को भी बिजली कंपनियों की वित्तीय हालत देखते हुए पूरे समर्पण से काम करना होगा। वे अपनी नौकरी को आराम की नौकरी न समझें। यदि ४० से ६० प्रतिशत वितरण हानि रही तो न कंपनियों का भविष्य सुरक्षित रह पाएगा और न कर्मियों का। अत्यधिक घाटे में किसी भी संस्थान को बहुत ज्यादा दिन नहीं चलाया जा सकता।

फीडर सेपरेशन सुस्त- एक सवाल के जवाब में श्री शुक्ल ने बेबाकी से कहा कि फीडर विभक्तिरण परियोजना का काम बेहद सुस्त गति से चल रहा है। इसके लिए हमने अधिकारियों को क़ड़े शब्दों में चेता दिया है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए फंड उपलब्ध करा दिया गया है। बिडिंग हो चुकी है और काम करने वाली एजेंसियां भी आ चुकी हैं। ऐसे में अब हम और विलंब नहीं चाहते।

ट्रेडको रहेगी होल्डिंग कंपनी- श्री शुक्ल ने माना कि विद्युत मंडल के समाप्त होने के बाद पावर ट्रेडिंग कंपनी ट्रेडको को होल्डिंग कंपनी बनाने के लिए सभी एकमत हैं। इस पर निर्णय जल्द लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के कंपनियों में हस्तांतरण और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने में लगभग तीन माह का समय लगेगा।

पेंशन फंड पर निर्णय जल्द- ऊर्जामंत्री ने माना कि प्रदेश सरकार बिजली कर्मचारियों का पेंशन फंड बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। नियामक आयोग से भी हमारी बातचीत हो चुकी है। अब हम इस निर्णय पर विचार कर रहे हैं कि प्रारंभिक तौर पर इसमें कितनी राशि डाली जाए और कैसे इसमें प्रतिवर्ष राशि आएगी? उन्होंने कहा कि मंडल समाप्त होने के बाद कर्मचारियों की सेवाशर्तें प्रभावित नहीं होंगी। कंपनियों में कर्मचारियों की जल्द पदोन्नति के रास्ते खुलेंगे।

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