आज के लिये ..........बिजली की बचत में फोकस का महत्व
by-ER.Vivek Ranjan Shrivastava
Certified Energy Manager
from Bureau of Energy Efficiency, Government of India
बहुतायत में बिजली का प्रयोग प्रकाश के लिये होता है , जाने कितनी उर्जा का अपव्यय रात को दिन में बदलने की नाकाम कोशिश में होता है . बड़े बड़े बंगलों के आसपास व्यर्थ ढ़ेर सी लाइट लगाकर जैसे वैभव का प्रदर्शन किया जाता है . बिजली की जगमगाहट को बाजार की रौनक कहा जाता है .
टेबल लैंप का प्रयोग तो आप सब करते ही हैं ,यह फोकस्ड लाइट का छोटा सा उदाहरण है . जहाँ लाइट चाहिये वहीं परावर्तन द्वारा प्रकाश को एकत्रित कर फोकस से हम रोशनी का अपव्यय बचा सकते हैं .
बंगलो , दूकानो में ढ़ेर से बल्ब लगाने की अपेक्षा बंगले की बाउंडरी पर एक आयताकार फोकस लाइट , बंगले की ओर फोकस कर दो अपोजिट कार्नर्स पर , बंगले की उंचाई के बराबर के खंभों पर , भवन की प्लिंथ को फोकस करते हुये लगा दे , आप पायेंगे कि बिना रोशनी में कमी आये , बंगले की दीवारे तक जगमगा रही हैं , पर बिजली बिल में ७५ प्रतिशत तक की कमी हो गई है .
इसी तरह दूकानदार सड़क के दूसरी ओर की दूकान से अपनी दूकान पर , एवं अपनी दूकान से सामने वाले की दूकान पर फोकस लाइट का उपयोग कर बेहिसाब बिजली बचा सकते हैं , एवं इस बचत का लाभ अपने ग्राहकों को दे सकते हैं .
फोकस भी तरह तरह के आकार , प्रकार , एवं परावर्तक , लैंस आदि के साथ मिलते हैं . जिनका समुचित उपयोग कोई विशेषज्ञ सहज ही बता सकता है .
सोलर कुकर , व अन्य सौर उर्जित उपकरणो में भी फोकस का महत्व सर्वविदित तथा स्वयं स्पष्ट है .आवश्यकता बस इतनी है कि हम फोकस के प्रयोग को बढ़ावा देना शुरू तो करें ..........
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