३ प्रतिशत पर ही अटका है बिजली उत्पादन : बनर्जी
लक्ष्य से बहुत पीछे है परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम
इंदौर(ब्यूरो)। भारत का परमाणु बिजली कार्यक्रम अपने लक्ष्य से कुछ पीछे चल रहा है। देश के २० रिएक्टरों से कुल ४७८० मेगावॉट बिजली बन रही जो कुल बिजली का ३ प्रतिशत है। कुडनकुलम परियोजना का निर्धारित समय में पूरा न होना भी इसका एक कारण है।
यह बात परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष एवं परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष श्रीकुमार बेनर्जी ने यहाँ पत्रकार वार्ता में दी। आपने जोर देकर कहा किप्रतिशत के मान से हम भले ही पीछे हों लेकिन भारत का परमाणु बिजली कार्यक्रम पूरी तरह सुरक्षित व बेहतर है। हम नाभिकीय टेक्नालॉजी में पूरा सामर्थ्य रखते हैं।
मध्य प्रदेश में परमाणु बिजली घर बनाने के प्रश्न पर आपने कहा कि यहाँ संभावनाएँ प्रबल हैं । चुटका (जिला सीवनी) के बाद एक और स्थान की तलाश जारी है। बेहतर संभावनाओं की वजह बताते हुए आपने कहा कि मप्र में एक तो आबादी बिखरी हुई है और भूमि सुलभ है। केवल भूमि हस्तातंरण के नियम पुख्ता नहीं होने से परेशानी आती है। आपने कहा कि परमाणु बिजलीघर के लिए हम कृषि भूमि को लेना स्वीकार नहीं करते । बंजर जमीन हमारे लिए अच्छी होती है। जापान में बंद होने जा रहे परमाणु संयंत्रों पर उठे सवाल के जवाब में श्री बेनर्जी ने कहा कि परकाणु बिजली संयंत्र क्यों बंद होना चाहिए? हमारे यहाँ बंद होने का सवाल ही नहीं उठता। योरप व अमेरिका नए प्लांट इसलिए नहीं डाल रहे हैं क्योंकि वहाँ बिजली पर्याप्त है। हमारे यहाँ बिजली की कमी है। आपने बताया कि हमारे सभी रिएक्टरों का हमने सेफ्टी एनालिसिस फ्रांस के विशेषज्ञों से कराया है जिसकी रिपोर्ट हमें मिल चुकी है। हमने अपने स्तर पर भी सर्वे किया है। दोनों के आधार पर हम यह कहने की स्थिति मे हैं कि हमारा परमाणु बिजली कायक्रम सुरक्षित व बेहतर है।
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