बिन बिजली सब सून....बिजली बचाओ धरती बचाओ !
पर आप जानते हैं कि बिजली केवल उतने की ही नही है जितने रुपये आप बिजली बिल के देते हैं , न केवल सब्सिडाइज्ड दरों के कारण , वरन इसलिये भी क्योंकि ताप बिजली बनाने के लिये जो कोयला लगता है , उसके भंडार सीमित हैं , ताप विद्युत उत्पादन से जो प्रदूषण फैलता है वह पर्यावरण के लिये हानिकारक है , इसलिये बिजली बचाने का मतलब है प्रकृति को बचाना ... व्यर्थ बिजली न जलने दें
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