09 अक्टूबर, 2010

विद्युत बचत के संबंध में महत्वपूर्ण बातें

विद्युत बचत के संबंध में महत्वपूर्ण बातें


बिजली की बचत कैसे करें इस संबंध में अंतर्दृष्टि एवं समक्ष विकसित करें । इससे न केवल आपके बिजली का बिल कम आएगा, बल्कि आप अपने पर्यावरण के संरक्षण में भी योगदान देंगे ।



लाईटेंसीएफएल का प्रयोग करें । सीएफएल में स्तरीय बल्बों से कम से कम 66औ कम बिजली का प्रयोग होता है और इस प्रकार कुल मिलाकर 8 गुणा बिजली की बचत होती है ।

आप मात्र पांच पुराने बल्बों को हटाकर नये ऊर्जा दक्ष सीएफएल लगाकर 2500/-रु. प्रतिवर्ष तक की बचत कर सकते हैं ।

कंप्यूटरएक दिन में 12 घंटे अपने कंप्यूटर को बंद करके 3000/-रु. प्रतिवर्ष की बचत करें ।

स्क्रीन सेवर से विद्युत की बचत नहीं होती है ; वे केवल आपके स्क्रीन की सुरक्षा करते हैं । अतः इसके बजाए अपने कंप्यूटर पर स्लीप मोड या ऊर्जा बचत विशिष्टता का प्रयोग करें और इस प्रकार 900/-रु. प्रतिवर्ष की बचत करें ।

स्लीप मोड से औसत कंप्यूटर 200 किवा. प्रतिवर्ष कम विद्युत का प्रयोग करता है ।

जब आप 10 मिनट से अधिक समय तक अपने कंप्यूटर से दूर रहे तब अपने कंप्यूटर मॉनीटर को बंद करके विद्युत की बचत करें ।

डैस्कटॉप कंप्यूटर के स्थान पर लैपटॉप का प्रयोग करें । लैपटॉप में 90औ कम विद्युत का उपयोग होता है ।

आपका कंप्यूटर मॉनीटर जितना छोटा होगा उतनी ही कम बिजली का प्रयोग होगा ।

मानक मॉनीटरों की तुलना में फ्लैट स्क्रीन एलसीडी कंप्यूटर मॉनीटर 66औ कम बिजली का प्रयोग करते हैं ।

कंप्यूटर खोलने और बंद करने से अतिरिक्त बिजली खर्च नहीं होती और आपका कंप्यूटर भी खराब नहीं होगा । इसे बंद करने से कंप्यूटर पर टूट-फूट कम होगी और बिजली का प्रयोग कम होगा ।

रेफ्रिजरेटर15 वर्ष से अधिक पुराना फ्रिज चलाने में 5000/-रु. प्रतिवर्ष से अधिक खर्च आता है जबकि नया फ्रिज चलाने में 2500/-रु. प्रतिवर्ष से भी कम खर्च आता है ।

यदि पुराना फ्रिज खाली चल रहा हो तो फ्रिज का प्लग हटा दें और अपने बिजली के बिल में 5000/-रु. प्रतिवर्ष से अधिक की बचत करें ।

केवल कुछ खाने-पीने के चीजों को ठंडा रखने के लिए छोटे फ्रिज का प्रयोग करें । छोटे फ्रिज में लगभग 1500/-रु. प्रतिवर्ष बिजली का खर्च आता है ।

रेफ्रिजरेटर के तापमान को मध्यम रेंज (30सें. या 380 फा.) पर सैट करें । इससे आपके खाने-पीने की चीजों को ठंडा रखते हुए भी बिजली की बचत होगी ।

खाने-पीने की चीजों को फ्रिज या फ्रीजर में रखने से पहले ठंडा कर लें ।

रसोई घरपरंपरागत स्टोव के स्थान पर माइक्रोवेव का प्रयोग करें । इसमें बिजली का प्रयोग कम होता है, पकाने में कम समय लगता है और रसोई में ऊष्मा कम उत्पन्न होती है ।

विद्युत कैटल का प्रयोग करें और आपको जितने पानी की आवश्यकता हो उतना ही पानी गर्म करें । स्टोव -टॉप कैटल या माइक्रोवेव की तुलना में इलेक्ट्रिक कैटल अधिक दक्ष होती हैं ।

फ्रीजरअपने 15 वर्ष पुराने फ्रीजर को बदलकर नया डीप फ्रीजर ले आएं । आपका नया फ्रीजर अपने पूरे कार्यकाल में आपके लिए विद्युत में बचत करके अपनी पूरी कीमत चुका देगा ।

डिशवॉशरअपने डिशवॉशर का प्रयोग केवल तभी करें जब यह पूरा भरा हो । आधे भरे डिशवॉशर को दो बार चलाने के बजाए पूरे भरे डिशवॉशर को चलाकर आप 12,500/-रु. प्रतिवर्ष की बचत करेंगे ।

विनिर्माता के अनुदेश के अनुसार ही डिश प्लेटें डालें जिससे पानी का परिचालन अच्छी तरह हो सकें ।

डिशवॉशर में डिश प्लेटें डालने से पहले उन्हें न धोंएं । इस प्रकार आप पानी गर्म करने का खर्च बचा सकेंगे ।

डिशवॉशर के निकास एवं फिल्टर को साफ रखना उसके दक्ष प्रचालन में सहायक होगा ।

स्टोवअपने स्टोव के स्थान पर माइक्रोवेव का प्रयोग करें । माइक्रोवेव में किसी भोजन को पकाने पर स्टोव की तुलना में 84औ कम बिजली का प्रयोग होता है ।

संभव हो तो अपने स्टोव या ओवन के बजाए छोटे-छोटे कूकिंग उपकरणों का प्रयोग करें ।

जब आवश्यक हो तभी ओवन को पहले से गर्म करें ।

वॉशर एवं ड्रायरअपने कपड़े ठंडे पानी में धोएं और इस प्रकार 3000/- रु. प्रतिवर्ष की बचत करें । वाशिंग मशीन में पानी गर्म करने से लगभग 85-90औ ऊर्जा का प्रयोग होता है ।

टेलीविजनआपके पुराने टी.वी. की तुलना में उसी साइज के प्लाज्मा टी.वी. में दुगुनी ऊर्जा का प्रयोग होता है । और आपका टी.वी. जितना बड़ा होगा उतना ही ऊर्जा का अधिक प्रयोग होगा ।

सामान्यअपने इलेक्ट्रोनिक मनोरंजन साधनों को उस समय बंद कर दें जब आप उनका प्रयोग न कर रहे हों और इस प्रकार बचत में वृद्धि करें ।

कंप्यूटर, टीवी, वीसीआर, सीडी और डीवीडी प्लेयर तथा अन्य घरेलू इलेक्ट्रोनिक उपस्करों को बंद करने के बाद भी ऊर्जा की खपत होती है इसलिए जब आप उन्हें बंद करें तो पावर प्लग को उपस्कर से अलग कर दें ।

अपने उपस्करों को साफ और भलीभांति अनुरक्षित रखें जिससे वे दक्षतापूर्वक कार्य कर सकें

07 अक्टूबर, 2010

धार्मिक उत्सव समितियों और बिजली उपभोक्ताओं से त्योहारों के दौरान अस्थायी कनेक्शन लेने की अपील

 विद्युत वितरण कम्पनी ने धार्मिक उत्सव समितियों और बिजली उपभोक्ताओं से त्योहारों के दौरान अस्थायी कनेक्शन लेने की अपील की है। प्रदेश में विद्युत की बचत तथा विद्युत अपव्यय का रोकने के उद्देश्य से राज्य की सभी धर्म की धार्मिक उत्सव समितियों से अपील की गई है कि वे आवश्यकतानुसार अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेकर अपने धार्मिक आयोजन पूरे उल्लास, तनमयता और परम्परा अनुसार मनाये। साथ ही ऊर्जा संरक्षण बिजली बचत में अपना योगदान प्रदान करें।

  रामलीला, दुर्गोत्सव, गरबा तथा डांडिया उत्सव के दौरान धार्मिक पंडालों एवं झांकियों में बिजली साज-सज्जा कम्पनी से नियमानुसार अस्थायी कनेक्शन लेकर करने को कहा है।




 विद्युत प्रदाय मीटरीकृत होगा। विद्युत देयक की बिलिंग नियमानुसार अस्थायी कनेक्शनों के लिये लागू घरेलू दर पर की जायेगी तथा तद्नुसार कम्पनी में राशि जमा करनी होगी। इसके लिये आवेदन में दर्शाये अनुसार विद्युत भार के अनुरूप सुरक्षा निधि एवं अनुमानित विद्युत उपभोग की राशि अग्रिम जमा कराकर पक्की रसीद प्राप्त की जाना चाहिये।








 विद्युत वितरण कम्पनी ने आग्रह किया है कि उपभोक्ता द्वारा आवेदित विद्युत भार से अधिक भार का उपयोग विद्युत साज-सज्जा के लिये नहीं करें। साथ ही अनाधिकृत तरीके से विद्युत का उपयोग नहीं किया जाये।  कम्पनी ने सचेत किया है कि अधिक भार से ट्रांसफार्मर के जलने की संभावना तथा दुर्घटना की आशंका रहती है। इसी प्रकार पारेषण एवं वितरण प्रणाली पर विपरीत असर होने से अंधेरे की संभावना का खतरा रहता है।



त्यौहार समितियों से कहा गया है कि अनाधिकृत विद्युत उपयोग करने पर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के तहत उपयोगकर्ता एवं जिस विद्युत ठेकेदार से कार्य कराया गया है, उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। इसी प्रकार अनाधिकृत विद्युत उपयोग की दशा में संबंधित विद्युत ठेकेदार का लायसेंस भी निरस्त हो सकता है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के भोपाल क्षेत्र एवं ग्वालियर क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं से आग्रह है कि वे झांकियों के निर्माण एवं विद्युत साज-सज्जा में विद्युत सुरक्षा नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें।

06 अक्टूबर, 2010

मप्र में निजी कम्पनियों से खरीदी जाएगी बिजली

मप्र में निजी कम्पनियों से खरीदी जाएगी बिजली

भोपाल। मध्य प्रदेश में बढ़ती बिजली की मांग की पूर्ति के लिए निजी कंपनियों से 1391 मेगावाट बिजली खरीदी जाएगी। यह निर्णय मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया है कि रिलायंस पावर लिमिटेड से 1241 मेगावाट और एस्सार पावर लिमिटेड से 150 मेगावाट बिजली खरीदी जाएगी। इसकी दर दो रूपये 45 पैसे प्रति यूनिट होगी। इन कंपनियों से 25 वर्ष के लिए करार किया जाएगा।

05 अक्टूबर, 2010

सिर्फ सीएफएल लैंप

कर्नाटक में जलेंगे सिर्फ सीएफएल लैंप



ऊर्जा बचाने के लिए भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में प्रतिबंध का कदम उठाया गया. प्रतिबंध लगेगा ऊर्जा खाने वाले बल्ब पर. इसकी जगह पर आएंगे सीएफएल लैंप. कर्नाटक में भारी ऊर्जा संकट है.



कर्नाटक सरकार ने फैसला लिया है कि वह बिजली खाने वाले बल्ब पर पूरे राज्य में पहली जनवरी से प्रतिबंध लगा देगी और इसकी जगह सिर्फ सीएफएल लैंप इस्तेमाल करने की अनुमति होगी.



आईटी हब कहे जाने वाले कर्नाटक में कई दूसरी बड़ी औद्योगिक इकाइयां भी हैं और भारी बिजली की खपत के कारण राज्य में ऊर्जा संकट पैदा हो गया है. ऊर्जा बचाने के लिए अब सीएफएल लैंप का रास्ता अपनाने की सोची गई है. बल्ब की तुलना में सीएफएल लैंपों को बहुत कम ऊर्जा की जरूरत होती है और रोशनी में कोई कमी भी नहीं होती.





राज्य में बिजली की भारी कमी है. सरकारी आकड़ों के मुताबिक राज्य को जरूरत को साढ़े बारह करोड़ यूनिट बिजली की है लेकिन उसे मिलती सिर्फ 9 करोड़ 90 लाख यूनिट ही है.



हर घर में सीएफएल के इस्तेमाल से रोजाना कम से कम 400 मेगावाट बिजली की बचत होगी. योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जनवरी से सीएफएल लैंप अनिवार्य कर दिए जाएंगे.



राज्य की ऊर्जा मंत्री शोभा करंदलजे ने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों, स्थानीय ऑफिस और अस्पतालों में तीन महीने के भीतर सिर्फ सीएफएल बल्ब लगाए जाएं.



सोमवार को मुख्यमंत्री गुलबर्गा के गरीब इलाके में बेलाकू अभियान लॉन्च करेंगे. राज्य के ऊर्जा विभाग ने तय किया है कि वह मार्च तक ऊर्जा की खपत और उत्पादन में अंतर दो फीसदी कम कर देगा.



रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम