17 जनवरी, 2010

Er. Shri Pankaj Agrawal , I A S स्वागत है ... सर !

हमारे देश में शिक्षा सामान्यतः केवल अच्छी नौकरी पाने का एक माध्यम ही मानी जाती है ,.... थ्री इडियेट्स फिल्म ने इस विचार को तोड़कर आदर्श स्थापित करने का एक छोटा सा प्रयत्न किया है ...दरअसल शिक्षा जीवन पर्यंत चलने वाली एक अंतहीन प्रक्रिया है . हमारे माननीय सी एम डी Er. Shri Pankaj Agrawal , I A S हम सब के लिये प्रेरणा स्त्रोत हैं . विगत वर्ष वे मैनेजमेंट में उच्च शिक्षा हेतु विदेश गये थे ...तब उनकी बिदाई के अवसर पर मैने जो कविता प्रस्तुत की थी उसे पुनः उद्ृत करना प्रासंगिक होगा ... ओपन ठुनिवर्सिटी , के कानसेप्ट के अनुरूप नौकरी करते हुये अपने ज्ञान का विस्तार करते रहना हम सब भी सीख सकते हैं ... मैने लोखा था हो सके तो लौटकर कहना कि फिर से लौट आना है !.... और आज वे पुनः लौट कर आ गये हैं नई उर्जा , नये प्रेरणा के रूप में स्वागत है ... सर !
माननीय पंकज अग्रवाल IAS , सी एम डी महोदय की उच्च शिक्षा हेतु बिदाई के अवसर पर प्रस्तुत शब्द सुमन

विवेक रंजन श्रीवास्तव
vivek1959@yahoo.co.in
09425484452


होते होते बन गये हिस्सा हमारा
और फिर कहने लगे कि लौट जाना है !
जब समझने लग गये थे हम इशारे
कर दिया यह क्यों इशारा लौट जाना है !!


लोग खुश थे छाते से छोटे आसमां में
संभव बनाया आसमाँ से लक्ष्य पाना
मुश्किलों का हल निकाला सौभाग्य था तेरा नेतृत्व पाना
हुई खता क्या कहने लगे जो लौट जाना है !


जा रहे हो जो यहां से जा न पाओगे
याद आओगे सदा हम भी याद आयेंगे
रोशनी घर की चमचमाती रोशनी हो तुम बस जगमगाओगे
हो सके तो लौटकर कहना कि फिर से लौट आना है !


शुभकामना है हमारी और औपचारिक यह बिदाई
हो सदा आनंदमय नव वर्ष का यह पथ तुम्हारा
भूल सारी भूल कर के आजन्म है नाता निभाना
हो सके तो लौटकर कहना कि फिर से लौट आना है !


जीवन पर्यन्त आपका

विवेक रंजन श्रीवास्तव

1 टिप्पणी:

  1. पंकज अग्रवाल जी वापस आ गये, खुशी की बात है. मुलाकात हो तो हमारी भी नमस्कार कह दिजियेगा. पिछली बार तो मुलाकात हुई थी.

    जवाब देंहटाएं

स्वागत है आपकी प्रतिक्रिया का.....