उर्जा की बचत के लिये प्राकृतिक खाद्य पदार्थो के उपयोग को बढ़ावा
by-ER.Vivek Ranjan Shrivastava
Certified Energy Manager
Adll.Sup.Engineer , M .P . S . E . BOARD , JABALPUR
आजकल हम दब्बाबंद खाद्य पदार्थों के उपयोग में बड़प्पन समझते हैं . यहाँ तक कि पानी भी पाउच या बोतल का ही पीते हैं . फास्टफुड की आदतें पड़ती जा रही हैं . कभी सोचिये , प्राकृतिक रूप से सुलभ फल , व अन्य खाद्य पदार्थों को प्रोसेस्ड करके उपयोग करने में हम जाने कितनी उर्जा का व्यर्थ अपव्यय कर रहे हैं ? फिर वे चाहे आलू के चिप्स हों या डब्बा बंद मांस , या अन्य पदार्थ ! इस तरह हम खाद्य पदार्थ कि पौष्टिकता ही कम नहीं कर डालते वरन उसे मँहगा बना लेते हैं , और सबसे ज्यादा चिंता का विषय है कि इस प्रक्रिया में ढ़ेर सी उर्जा का अपव्यय कर डालते हैं .
अतः आज से अपने परिवार में , अपने मित्रों में इस बात की नियमित चर्चा कीजीये व प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के उपयोग को हतोत्साहित कीजीये . बाटल्ड जूस की जगह , ताजा रस पीजिये .. प्राकृतिक खाद्य सामग्री का यथा संभव सीधा उपयोग बढ़ाइये , स्वस्थ भी रहिये और उर्जा भी बचाने में अप्रत्यक्ष रूप से अपना बहुमूल्य योगदान दीजीये ....
................................power is key for development, let us save power,
28 सितंबर, 2008
27 सितंबर, 2008
आज फ्रिज की गास्केट चैक करें, कम्प्रैशर की गर्द साफ करें , और एअर कंडीशनर की जाली की सफाई करें ..
TODAY'S Tip..
आज फ्रिज की गास्केट चैक करें, कम्प्रैशर की गर्द साफ करें , और एअर कंडीशनर की जाली की सफाई करें ..
फ्रिज एसा उपकरण है जो २४ घंटे चलता रहता है . लंबे समय में फ्रिज की गास्केट कड़ी हो जाती है व कट या मुड़ जाती है जिससे अधिक बिजली का सतत व्यय तो होता ही है , कम्प्रैसर पर ज्यादा भार पड़ता है और उसका जीवन कम होता है , अतः समय व आवश्यकता के अनुसार गास्केट का नवीकरण आवश्यक है .
कम्प्रैशर पर बेहिसाब गर्द जमा हो जाती है, जिससे वह अतिरिक्त रूप से गरम होने लगता है . एक निश्चित अंतराल पर कम्प्रैशर की सफाई की जाती रहनी चाहिये .
ए.सी . , सबसे अधिक बिजली खपत करने वाला उपकरण है . इसमें कमरे की ही हवा सर्क्युलेट होती है , अतः कमरे को एअर टाइट रखें . जरा ए.सी. के सामने वाली जाली को हटायें , आप देखेंगे कि सामने की प्लास्टिक ग्रिल के पीछे एक महीन प्लास्टिक नेट लगी है , जो लम्बे समय से सफाई के अभाव में चोक है . इस वजह से ए सी को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ रही है . कृपया इस नेट को बाहर निकाल कर अच्छी तरह धो दें और पुनः यथावत लगा दें . निश्चित ही शीतलन बढ़ जायेगा , बिजली की खपत घट जायेगी .
दरअसल अब तक हमारे यहाँ आफ्टर सेल सर्विस की सुढ़ृड़ प्रणाली विकसित नही हुई है , इस वजह से यह मेंटेनेंस हमें स्वयं करने आवश्यक होते हैं ,जिससे हमारे उपकरण मानक स्थितियों पर चलते रहें .
by-ER.Vivek Ranjan Shrivastava
Certified Energy Manager
Adll.Sup.Engineer , M .P . S . E . BOARD , JABALPUR
26 सितंबर, 2008
पूरे के पूरे बदल डालें ..........
आज पूरे के पूरे बल्ब बदल डालें ........TODAY'S Tip..
by-ER.Vivek Ranjan Shrivastava
Certified Energy Manager
from Bureau of Energy Efficiency, Government of India
बिना किसी सोच विचार के पूरे के पूरे ट्रेडीशनल बल्ब बदल डालें और उनकी जगह सी एफ एल लगा दें . आने वाले दिनो में बिजली बिल में जो बचत होगी उससे सी एफ एल खरीदने में जो अतिरिक्त व्यय आप करेगे वह सहज ही वसूल हो जायेगा . श्वेत , कूल रोशनी मिलेगी , कमरे का तापमान नही बढ़ेगा .सीएफएल बल्ब परंपरागत बल्ब की तुलना में पाँच गुणा प्रकाश देता है।सीएफएल सामान्य बल्ब से आठ गुणा अधिक टिकाउ होते है।
यदि हम 60 वाट के साधारण बल्ब के स्थान पर, 15 वाट का कॉम्पैक्ट फ्लूरेसेन्ट लाइट बल्ब का उपयोग करते हैं तो हम प्रति घंटा 45 वाट ऊर्जा की बचत कर सकते हैं। इस प्रकार, हम प्रति माह 11 यूनिट बिजली की बचत कर सकते हैं .
हाँ एक बात ध्यान रखें ,जब भी सीएफएल खराब हो जाये तो उसे जमीन में बिना काँच तोड़े गड़ा दें , क्योकि इसमें मरकरी होता है जो वातावरण व स्वास्थ्य के लिये दुष्प्रभावी होता है .
इसी तरह ४० वाट की त्यूबलाइट की जगह उसी फिटिंग में ३६ वाट की ट्यूबराड लगा लें ..बूँद बूँद से घट भरे ...
by-ER.Vivek Ranjan Shrivastava
Certified Energy Manager
from Bureau of Energy Efficiency, Government of India
बिना किसी सोच विचार के पूरे के पूरे ट्रेडीशनल बल्ब बदल डालें और उनकी जगह सी एफ एल लगा दें . आने वाले दिनो में बिजली बिल में जो बचत होगी उससे सी एफ एल खरीदने में जो अतिरिक्त व्यय आप करेगे वह सहज ही वसूल हो जायेगा . श्वेत , कूल रोशनी मिलेगी , कमरे का तापमान नही बढ़ेगा .सीएफएल बल्ब परंपरागत बल्ब की तुलना में पाँच गुणा प्रकाश देता है।सीएफएल सामान्य बल्ब से आठ गुणा अधिक टिकाउ होते है।
यदि हम 60 वाट के साधारण बल्ब के स्थान पर, 15 वाट का कॉम्पैक्ट फ्लूरेसेन्ट लाइट बल्ब का उपयोग करते हैं तो हम प्रति घंटा 45 वाट ऊर्जा की बचत कर सकते हैं। इस प्रकार, हम प्रति माह 11 यूनिट बिजली की बचत कर सकते हैं .
हाँ एक बात ध्यान रखें ,जब भी सीएफएल खराब हो जाये तो उसे जमीन में बिना काँच तोड़े गड़ा दें , क्योकि इसमें मरकरी होता है जो वातावरण व स्वास्थ्य के लिये दुष्प्रभावी होता है .
इसी तरह ४० वाट की त्यूबलाइट की जगह उसी फिटिंग में ३६ वाट की ट्यूबराड लगा लें ..बूँद बूँद से घट भरे ...
25 सितंबर, 2008
आज के लिये ..........बिजली की बचत में फोकस का महत्व
आज के लिये ..........बिजली की बचत में फोकस का महत्व
by-ER.Vivek Ranjan Shrivastava
Certified Energy Manager
from Bureau of Energy Efficiency, Government of India
बहुतायत में बिजली का प्रयोग प्रकाश के लिये होता है , जाने कितनी उर्जा का अपव्यय रात को दिन में बदलने की नाकाम कोशिश में होता है . बड़े बड़े बंगलों के आसपास व्यर्थ ढ़ेर सी लाइट लगाकर जैसे वैभव का प्रदर्शन किया जाता है . बिजली की जगमगाहट को बाजार की रौनक कहा जाता है .
टेबल लैंप का प्रयोग तो आप सब करते ही हैं ,यह फोकस्ड लाइट का छोटा सा उदाहरण है . जहाँ लाइट चाहिये वहीं परावर्तन द्वारा प्रकाश को एकत्रित कर फोकस से हम रोशनी का अपव्यय बचा सकते हैं .
बंगलो , दूकानो में ढ़ेर से बल्ब लगाने की अपेक्षा बंगले की बाउंडरी पर एक आयताकार फोकस लाइट , बंगले की ओर फोकस कर दो अपोजिट कार्नर्स पर , बंगले की उंचाई के बराबर के खंभों पर , भवन की प्लिंथ को फोकस करते हुये लगा दे , आप पायेंगे कि बिना रोशनी में कमी आये , बंगले की दीवारे तक जगमगा रही हैं , पर बिजली बिल में ७५ प्रतिशत तक की कमी हो गई है .
इसी तरह दूकानदार सड़क के दूसरी ओर की दूकान से अपनी दूकान पर , एवं अपनी दूकान से सामने वाले की दूकान पर फोकस लाइट का उपयोग कर बेहिसाब बिजली बचा सकते हैं , एवं इस बचत का लाभ अपने ग्राहकों को दे सकते हैं .
फोकस भी तरह तरह के आकार , प्रकार , एवं परावर्तक , लैंस आदि के साथ मिलते हैं . जिनका समुचित उपयोग कोई विशेषज्ञ सहज ही बता सकता है .
सोलर कुकर , व अन्य सौर उर्जित उपकरणो में भी फोकस का महत्व सर्वविदित तथा स्वयं स्पष्ट है .आवश्यकता बस इतनी है कि हम फोकस के प्रयोग को बढ़ावा देना शुरू तो करें ..........
by-ER.Vivek Ranjan Shrivastava
Certified Energy Manager
from Bureau of Energy Efficiency, Government of India
बहुतायत में बिजली का प्रयोग प्रकाश के लिये होता है , जाने कितनी उर्जा का अपव्यय रात को दिन में बदलने की नाकाम कोशिश में होता है . बड़े बड़े बंगलों के आसपास व्यर्थ ढ़ेर सी लाइट लगाकर जैसे वैभव का प्रदर्शन किया जाता है . बिजली की जगमगाहट को बाजार की रौनक कहा जाता है .
टेबल लैंप का प्रयोग तो आप सब करते ही हैं ,यह फोकस्ड लाइट का छोटा सा उदाहरण है . जहाँ लाइट चाहिये वहीं परावर्तन द्वारा प्रकाश को एकत्रित कर फोकस से हम रोशनी का अपव्यय बचा सकते हैं .
बंगलो , दूकानो में ढ़ेर से बल्ब लगाने की अपेक्षा बंगले की बाउंडरी पर एक आयताकार फोकस लाइट , बंगले की ओर फोकस कर दो अपोजिट कार्नर्स पर , बंगले की उंचाई के बराबर के खंभों पर , भवन की प्लिंथ को फोकस करते हुये लगा दे , आप पायेंगे कि बिना रोशनी में कमी आये , बंगले की दीवारे तक जगमगा रही हैं , पर बिजली बिल में ७५ प्रतिशत तक की कमी हो गई है .
इसी तरह दूकानदार सड़क के दूसरी ओर की दूकान से अपनी दूकान पर , एवं अपनी दूकान से सामने वाले की दूकान पर फोकस लाइट का उपयोग कर बेहिसाब बिजली बचा सकते हैं , एवं इस बचत का लाभ अपने ग्राहकों को दे सकते हैं .
फोकस भी तरह तरह के आकार , प्रकार , एवं परावर्तक , लैंस आदि के साथ मिलते हैं . जिनका समुचित उपयोग कोई विशेषज्ञ सहज ही बता सकता है .
सोलर कुकर , व अन्य सौर उर्जित उपकरणो में भी फोकस का महत्व सर्वविदित तथा स्वयं स्पष्ट है .आवश्यकता बस इतनी है कि हम फोकस के प्रयोग को बढ़ावा देना शुरू तो करें ..........
24 सितंबर, 2008
आज इनर्जी आडीटर के रोल में .....
TIP OF THE DAY... by.. ER.Vivek Ranjan Shrivastava.......for ..ENERGY SAVING...........TIP OF THE DAY...
आज इनर्जी आडीटर के रोल में .....
आमदनी के आय व्यय का आडिट किया ही जाता है .फिजूल खर्चे पर रोक का प्रयास होता है , गलत व्यय पर प्रश्न चिन्ह खड़े किये जाते हैं .
उर्जा भी तो अपरोक्ष रूप से कीमती धन ही है . आज इनर्जी आडीटर के रोल में आइये .....
क्या आपका विद्युत कनेक्शन वैद्य है ?
कभी आपने विद्युत प्रदाता कंपनी से , बिजली कनेक्शन लेते समय किये गये अनुबंध पर ध्यान दिया है ?
कहीं आप हर बार लेट पेमेंट के चलते व्यर्थ रुपये तो नही दे रहे?
बिजली सब्सिडी पर दी जाती है , अलग अलग उपभोक्ता वर्ग हेतु अलग अलग दरें होती है ,क्या आपका कनेक्शन सही वर्ग में है ? अर्थात घरेलू , व्यवसायिक , कृषि, औद्योगिक या अन्य ... जाँच करे !
कहीं आपके कनेक्शन से किसी अन्य को आपने कोई अवैद्य कनेक्शन तो नहीं दिया है ? प्रायः घर के आस पास लोग छोटे अस्थाई दूकानदारों को या किरायेदारों को स्वतः कनेक्शन दे देते हैं , और इसके लिये उनके मन में अज्ञानता के चलते कोई अपराध बोध ही नहीं होता ! आपको बिजली बेचने का अधिकार नही है .
विभिन्न खपत स्लैब हेतु अलग अलग दर होती है , क्या आपका बिल सही आ रहा है ? क्या कुछ खपत कम करके हम बिल में बड़ी बचत कर सकते हैं ?कहीं खराब मीटर के कारण आपकी लगातार एवरेज बिलिंग ही तो नही हो रही ? मीटर रीडिग और बिल में दर्ज खपत में सामंजस्य है ? आपके कनेक्शन पर यूनिट खपत , फ्लैट रेट , माँग आधारित, या अन्य किस तरह की बिलिंग होरही है , उसे जाने समझें .सही आप्शन चुने .
बड़े उपभोक्ता M.D. controler (अधिकतम माँग नियंत्रक)लगा सकते हैं .
तो कुछ होम वर्क करिये ...आज बस इतना ही कल फिर मिलते हैं ...प्रतिक्षा कीजीये ..!
-ER.Vivek Ranjan Shrivastava
Certified Energy Manager
Bureau of Efficiency, Government of India
23 सितंबर, 2008
ENERGY SAVING tip for the day ...by ER.Vivek Ranjan Shrivastava
ENERGY SAVING tip for the day ...by ER.Vivek Ranjan Shrivastava
आज थोड़ा ग्रीस और थोड़ा आइल लेकर तैयार हो जायें , आप कितने ही ऐसे विद्युत उपकरण उपयोग करते हैं जिनमें घूमने वाले , मूविंग पार्ट्स लगे होते हैं . उपर की ओर देखें ...अपने सीलिंग फैन को ही लें . जाने कबसे , उसकी सफाई नही हुई है ! यहाँ तक कि फैन के ब्लेड्स पर नीचे की ओर भी गर्द की परत जमा हो जाती है .पंखा आवाज करके आपको बता भी रहा है कि उसे तेल चाहिये , पर हम कब से उसे अनसुना कर रहे हैं .घर का वाटर पंप जब तक खराब ही न हो जाये हम उसका मेंटेनेंस फिजूल समझते हैं . कृपया अपनी मशीनों को ओवर लोड होने से बचायें . उनमें एक नियमित अंतराल पर ग्रीसिंग , आयलिंग जरूर करें . जिन उपकरणों में बियरिंग लगी हैं , उनकी बियरिंग किसी कुशल मैकेनिक से चैक करवालें व समय रहते उसे अवश्य बदल दें . जिन उपकरणों में कैपेसिटर लगे हैं , उनके कैपेसिटर समुचित क्षमता के ही हों , ISI प्रमाणित हों , व ठीक ढ़ंग से काम कर रहे हों यह देखते रहें . इन छोटी मोटी रखरखाव की आदतों से न केवल आप बिजली बिल में कमी ला सकते हैं वरन समूचे विद्युत तंत्र के सुचारु संचालन में अपना योगदान दे सकते हैं .
तो देर किस बात की है, आज कुछ समय निकालिये ना ,अपने इन आरामदायी उपकरणों के लिये ....
22 सितंबर, 2008
आज आप.......इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर की भूमिका निभायें...........
TIP OF THE DAY.....SAVE ELECTRICITY
आज आप.......
इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर की भूमिका निभायें...........
By .. विवेक रंजन श्रीवास्तव
आज आप इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर की भूमिका निभायें , जरा पूरे घर की बिजली फिटिंग , उपकरणों पर सूक्ष्म नजर डालें . कुछ स्विच , प्लग, होल्डर खराब हो चुके होंगे , कई तारों में जोड़ , कट होंगे , जिन्हें बदलना , सुधारना , कसना जरूरी होगा .स्विच चालू या बंद करते समय स्पार्किंग होना ठीक नहीं है . झूलते तारो का गुच्छा , लूज फिटिंग , बिना पिन प्लग के साकेट में खोंसे गये सीधे तार कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं . नंगे तार, टूटे विद्युत उपकरणो के काम चलाउ उपयोग को धकाते रहने से कभी भी कोई बड़ी अप्रिय घटना घट सकती है . और आपकी लापरवाही , उपेक्षा , या थोड़ी सी बचत बहुत मँहगी पड़ सकती है .आग लग सकती है . करेंट लग सकता है . बिजली से थोड़ा डर कर ही , सुरक्षात्मक तरीके से चलने में ही भलाई है . घर की सारी फिटिंग चैक करिये . जरूरी सुधार करिये .आज बिजली जीवन का इतना आवश्यक अंग बन चुकी है कि बिजली के विषय में घर के सभी सदस्यों को , महिला सदस्यों को भी, प्राथमिक जानकारी होना जरूरी है .
समुचित गुणवत्ता की फिटिंग से न केवल बचत होती है वरन आप व्यर्थ विद्युत व्यवधान की परेशानियों से भी बच सकते हैं .
21 सितंबर, 2008
.TIP OF THE DAY...........खेलें उर्जा बचत का खेल ........
खेलें उर्जा बचत का खेल .........
By .. विवेक रंजन श्रीवास्तव
आपके घर में कितने सदस्य हैं ?...
सप्ताह के प्रत्येक दिन , किसी न किसी सदस्य को बिजली बचाने की जबाबदारी सौंप दें . सुबह ८.०० बजे मीटर की रीडिंग ले कर लिख लीजीये . अब उस दिन जिस सदस्य की बारी है , उसकी जबाबदारी है कि अगले २४ घंटो में कम से कम बिजली जले . पूरे सप्ताह में जिस भी सदस्य की जबाबदारी में सबसे कम यूनिट खपत होगी , उसे पुरस्कृत किया जावेगा , और जिस सदस्य की जिम्मेदारी के दिन सबसे ज्यादा बिजली जलेगी , पैनाल्टी के रूप में उसे परिवार के सभी सदस्यो को सप्ताहांत में ट्रीट देनी पड़ेगी .आप देखेंगे कि इस युक्ति से बचचे व्यर्थ जलते बिजली के उपकरण तुरंत बंद करने हेतु लगातार प्रयत्नशील रहेंगे . धीरे धीरे उनमें बिजली बचत के संस्कार पड़ जायेंगे . निश्चित ही बिजली बिल में आशातीत कमी आयेगी . आपकी श्रीमती जी अपनी बारी आने पर घर के सारे के सारे बल्ब बदल कर सी एफ एल लगवा देंगी . आप अपनी बारी आने पर आई एस आई मार्क उपकरणों से , दिल्ली मेड पुराने उपकरण बदल देंगे . कुल मिलाकर बिजली बचत पर विशद चर्चा ,व उर्जा बचत का समग्र वातावरण बनेगा , जो आपके व समाज के लिये दीर्घगामी रूप से हितकारी ही होगा .
By .. विवेक रंजन श्रीवास्तव
आपके घर में कितने सदस्य हैं ?...
सप्ताह के प्रत्येक दिन , किसी न किसी सदस्य को बिजली बचाने की जबाबदारी सौंप दें . सुबह ८.०० बजे मीटर की रीडिंग ले कर लिख लीजीये . अब उस दिन जिस सदस्य की बारी है , उसकी जबाबदारी है कि अगले २४ घंटो में कम से कम बिजली जले . पूरे सप्ताह में जिस भी सदस्य की जबाबदारी में सबसे कम यूनिट खपत होगी , उसे पुरस्कृत किया जावेगा , और जिस सदस्य की जिम्मेदारी के दिन सबसे ज्यादा बिजली जलेगी , पैनाल्टी के रूप में उसे परिवार के सभी सदस्यो को सप्ताहांत में ट्रीट देनी पड़ेगी .आप देखेंगे कि इस युक्ति से बचचे व्यर्थ जलते बिजली के उपकरण तुरंत बंद करने हेतु लगातार प्रयत्नशील रहेंगे . धीरे धीरे उनमें बिजली बचत के संस्कार पड़ जायेंगे . निश्चित ही बिजली बिल में आशातीत कमी आयेगी . आपकी श्रीमती जी अपनी बारी आने पर घर के सारे के सारे बल्ब बदल कर सी एफ एल लगवा देंगी . आप अपनी बारी आने पर आई एस आई मार्क उपकरणों से , दिल्ली मेड पुराने उपकरण बदल देंगे . कुल मिलाकर बिजली बचत पर विशद चर्चा ,व उर्जा बचत का समग्र वातावरण बनेगा , जो आपके व समाज के लिये दीर्घगामी रूप से हितकारी ही होगा .
बिजली बचाने के लिये.......TIP OF THE DAY..........
बिजली बचाने के लिये.......TIP OF THE DAY...........
By .. विवेक रंजन श्रीवास्तव
दीवाली आने को है , इस बार घर की दीवारों व सीलिंग की पुताई के साथ ही घर की छत का फर्श भी जरूर पुतवायें .हो सके तो छत पर सफेद ग्लेज्ड टाइल्स लगवा दें. बाहर की दीवारों पर सफेद , हल्का आसमानी या लाइट येलो कलर करवायें , आप पायेंगे कि ए.सी., कूलर व फैन की जरूरत कम पड़ रही है, घर के तापमान में २ से ३ डिग्री की निश्चित कमी परिलक्षित होगी . भीतर का रंग संयोजन भी हल्का रखें .दिन में तो कमरों की खिड़कियाँ खुली रखने पर नैसर्गिक प्रकाश से ही काम चल जायेगा , रात में भी सी एफ एल की रोशनी पर्याप्त होगी .
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