बिलो के ई-पेमेंट से भ्रष्टाचार तथा कालेधन के नियंत्रण में मदद.....
विवेक रंजन श्रीवास्तव
जनसंपर्क अधिकारी, म. प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जबलपुर
९४२५८०६२५२
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली बिलो के ई-पेमेंट सेवा का शुभारंभ बिल डेस्क नामक कंपनी के सहयोग से किया गया है . बिलडेस्क द्वारा बी एस एन एल , एल आई सी , व कई अन्य विद्युत वितरण कंपनियो के बिल जमा कराने का कार्य पहले से ही चल रहा है . बिल डेस्क का देश के लगभग सभी प्रतिष्ठित बैंको से इस सुविधा के लिये करार है . बैंक इस तरह के भुगतान हेतु एक सामान्य प्रभार लेते हैं जो उपभोक्ता को वहन करना पड़ता है . इस सेवा के प्रथम चरण में जबलपुर, सागर और रीवा शहर के लगभग तीन लाख बिजली उपभोक्ताओं को यह सुविधा प्रदान की जा रही है जिससे किसी भी इंटरनेट कनेक्शन से डेबिट कार्ड , क्रेडिट कार्ड , कैश कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से उपभोक्ता दुनिया में कही से भी अपना बिजली बिल भुगतान कर सकता है।
एमपी ऑनलाइन के टर्मिनल पर यह सुविधा अभी भी सुलभ है किंतु एमपी ऑनलाइन ने केवल क्रेडिट कार्ड से भुगतान की सुविधा दी थी लिहाजा ये सेवा ज्यादा सफल नहीं हो पाई। इस तथ्य के मद्देनजर कंपनी प्रबंधन ने एक बार फिर ई-पेमेंट को सफल बनाने कमर कसी और खुद की मॉनीटरिंग में नया साफ्टवेयर तैयार कराया।
ई-पेमेंट के लिए अलग से साइट भी बनाई। डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट बिलिंग डॉट एमपीईजेड डॉट ओआरजी नाम की इस साइट पर उपभोक्ता सीधे अपने बिजली बिल को न केवल देख सकेगा बल्कि संबंधित राशि का भुगतान भी कर सकेगा। इस नई सेवा से जबलपुर शहर के सवा दो लाख बिजली उपभोक्ताओं को और रीवा व सागर शहर के चालीस- चालीस हजार उपभोक्ताओं को जो़ड़ा गया है। कंपनी सूत्रों के अनुसार, प्रथम चरण के सफल होने के बाद कंपनी क्षेत्र के दूसरे शहरों को जो़ड़ा जाएगा।
इससे होगा भुगतान......
बिजली उपभोक्ता अपने कैश कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग के जरिए बिजली बिल का भुगतान कर सकेगा। इससे जहां न केवल ब़ड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को भुगतान में आसानी होगी वहीं कंपनी प्रबंधन को बिजली बिल वसूली के लिए पृथक से काउंटर खोलने की भी जरूरत नहीं होगी। इस सुविधा से एटीपी मशीनों पर भी शुरू हो रही कतारों पर विराम लगेगा।
तो पैसा वापस होगा.......
यदि किसी उपभोक्ता द्वारा पैसा जमा किया जाता है लेकिन किसी कारण से ट्रांजिक्शन फेल होता है तो संबंधित उपभोक्ता के एकाउंट में रेलवे रिजर्वेशन की ही तरह स्वतः ही पैसा वापस हो जाएगा।
रसीद भी मिलेगी......
ई-पेमेंट की वेबसाइट में ही राशि जमा करते ही रसीद भी तैयार हो जाएगी जिसका उपभोक्ता प्रिंट आउट ले सकता है। इतना ही नहीं, बिल के साथ पिछले माहों में जमा किए गए पैसों का ब्यौरा भी स्क्रीन पर आ जाएगा।
भ्रष्टाचार तथा कालेधन के नियंत्रण में मदद.....
चूंकि इस तरह बिजली बिलों का भुगतान इलेक्ट्रानिक विधि से होगा अतः इससे भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त हो जायेगी , उपभोक्ता स्वयं ही अपना बिल जमा करेगा .साथ ही इस तरह से कालेधन से बिजली बिल जमा करना संभव नही होगा एवं कालेधन के नियंत्रण में मदद मिलेगी .
यदि इस तरह के भुगतान पर कुछ छूट की योजनाये सरकारी विभाग प्रस्तुत करें तो भीड़ से बचने तथा छूट का लाभ लेने के लिये अनेक लोग इसका प्रयोग करेंगे और इस तरह कालेधन पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सकेगा .
विवेक रंजन श्रीवास्तव
जनसंपर्क अधिकारी, म. प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जबलपुर
९४२५८०६२५२
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली बिलो के ई-पेमेंट सेवा का शुभारंभ बिल डेस्क नामक कंपनी के सहयोग से किया गया है . बिलडेस्क द्वारा बी एस एन एल , एल आई सी , व कई अन्य विद्युत वितरण कंपनियो के बिल जमा कराने का कार्य पहले से ही चल रहा है . बिल डेस्क का देश के लगभग सभी प्रतिष्ठित बैंको से इस सुविधा के लिये करार है . बैंक इस तरह के भुगतान हेतु एक सामान्य प्रभार लेते हैं जो उपभोक्ता को वहन करना पड़ता है . इस सेवा के प्रथम चरण में जबलपुर, सागर और रीवा शहर के लगभग तीन लाख बिजली उपभोक्ताओं को यह सुविधा प्रदान की जा रही है जिससे किसी भी इंटरनेट कनेक्शन से डेबिट कार्ड , क्रेडिट कार्ड , कैश कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से उपभोक्ता दुनिया में कही से भी अपना बिजली बिल भुगतान कर सकता है।
एमपी ऑनलाइन के टर्मिनल पर यह सुविधा अभी भी सुलभ है किंतु एमपी ऑनलाइन ने केवल क्रेडिट कार्ड से भुगतान की सुविधा दी थी लिहाजा ये सेवा ज्यादा सफल नहीं हो पाई। इस तथ्य के मद्देनजर कंपनी प्रबंधन ने एक बार फिर ई-पेमेंट को सफल बनाने कमर कसी और खुद की मॉनीटरिंग में नया साफ्टवेयर तैयार कराया।
ई-पेमेंट के लिए अलग से साइट भी बनाई। डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट बिलिंग डॉट एमपीईजेड डॉट ओआरजी नाम की इस साइट पर उपभोक्ता सीधे अपने बिजली बिल को न केवल देख सकेगा बल्कि संबंधित राशि का भुगतान भी कर सकेगा। इस नई सेवा से जबलपुर शहर के सवा दो लाख बिजली उपभोक्ताओं को और रीवा व सागर शहर के चालीस- चालीस हजार उपभोक्ताओं को जो़ड़ा गया है। कंपनी सूत्रों के अनुसार, प्रथम चरण के सफल होने के बाद कंपनी क्षेत्र के दूसरे शहरों को जो़ड़ा जाएगा।
इससे होगा भुगतान......
बिजली उपभोक्ता अपने कैश कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग के जरिए बिजली बिल का भुगतान कर सकेगा। इससे जहां न केवल ब़ड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को भुगतान में आसानी होगी वहीं कंपनी प्रबंधन को बिजली बिल वसूली के लिए पृथक से काउंटर खोलने की भी जरूरत नहीं होगी। इस सुविधा से एटीपी मशीनों पर भी शुरू हो रही कतारों पर विराम लगेगा।
तो पैसा वापस होगा.......
यदि किसी उपभोक्ता द्वारा पैसा जमा किया जाता है लेकिन किसी कारण से ट्रांजिक्शन फेल होता है तो संबंधित उपभोक्ता के एकाउंट में रेलवे रिजर्वेशन की ही तरह स्वतः ही पैसा वापस हो जाएगा।
रसीद भी मिलेगी......
ई-पेमेंट की वेबसाइट में ही राशि जमा करते ही रसीद भी तैयार हो जाएगी जिसका उपभोक्ता प्रिंट आउट ले सकता है। इतना ही नहीं, बिल के साथ पिछले माहों में जमा किए गए पैसों का ब्यौरा भी स्क्रीन पर आ जाएगा।
भ्रष्टाचार तथा कालेधन के नियंत्रण में मदद.....
चूंकि इस तरह बिजली बिलों का भुगतान इलेक्ट्रानिक विधि से होगा अतः इससे भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त हो जायेगी , उपभोक्ता स्वयं ही अपना बिल जमा करेगा .साथ ही इस तरह से कालेधन से बिजली बिल जमा करना संभव नही होगा एवं कालेधन के नियंत्रण में मदद मिलेगी .
यदि इस तरह के भुगतान पर कुछ छूट की योजनाये सरकारी विभाग प्रस्तुत करें तो भीड़ से बचने तथा छूट का लाभ लेने के लिये अनेक लोग इसका प्रयोग करेंगे और इस तरह कालेधन पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सकेगा .