................................power is key for development, let us save power,
26 नवंबर, 2010
‘एंटिलिया’ का एक महीने का बिजली बिल 70 लाख रुपए
दुनिया के सबसे धनी लोगो में से एक मुकेश अंबानी की ‘एंटिलिया’ इमारत का पहले महीने का बिजली का बिल 70,69,488 रुपए आया है। वे अपने परिवार के साथ पिछले महीने ही इस आलीशान इमारत में रहने गए हैं। 27 मंजिला ‘एंटिलिया’ में पिछले महीने 6,37,240 यूनिट बिजली की खपत हुई। बताया जा रहा है कि मुकेश अंबानी ने समय से बिजली का बिल अदा किया है इसलिए उन्हें बिजली के बिल में करीब ४८३५४ रुपयों की छुट भी दी गई है
नगर निगम कर रहा था बिजली चोरी
नगर निगम कर रहा था बिजली चोरी
जबलपुर(नप्र)। दिन-रात जलने वाली स्ट्रीट लाइट पर जांच करने निकला बिजली अमला उस वक्त भौंचक रह गया जब उसने चोरी की बिजली से स्ट्रीट लाइट जलते पाई। इस आधार पर नगर निगम पर १२ माह का जुर्माना ठोक दिया गया है। इस कार्रवाई से नगर निगम में अफरा-तफरी मच गई है।
शहर के आधा दर्जन क्षेत्रों में दिन-रात स्ट्रीट लाइट जलने का मामला नईदुनिया में २६ नवंबर के अंक में प्रकाशित हुआ था। समाचार में दिए गए पोल क्रमांक शहर बिजली संभाग पश्चिम के थे लिहाजा पश्चिम संभाग ने खबर को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराई। जांच में स्ट्रीट लाइट जलती पाईं गईं। ये स्ट्रीट लाइट बिजली तारों से सीधे जो़ड़कर जलाईं जा रही थीं। इसके आधार पर बिजली विभाग ने चोरी की बिजली से जल रहे सभी पोलों पर २४ घंटे और १२ माह की बिलिंग कर जुर्माना कर नगर निगम को बिल भेज दिया है। ये पहला मौका है जब बिजली विभाग ने नगर निगम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
डीई आईके त्रिपाठी ने बताया कि जांच में एम७-३२/२, एन/२९ एसपी , एन२९ सी, जेड ५८, जेड ६३, वाय २६-५ पर लगे स़ड़क बत्ती के सोडियम बल्व चालू पाए गए। ये सभी फेज से जु़ड़े थे। जांच का पूरा ब्यौरा नगर निगम के कार्यपालन अभियंता प्रकाश विभाग को भेज दिया गया है।
छवि न करें खराब- श्री त्रिपाठी ने नगर निगम को लिखे पत्र में कहा है कि आप अपने अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देशित करें कि स्ट्रीट लाइट किसी भी सूरत में जलती न रहें। आपकी लापरवाही से हमारी कंपनी और विद्युत मंडल की छबि पर विपरीत प्रभाव प़ड़ता है। दिनभर लाइट जलने से ऊर्जा हानि के कारण राष्ट्रीय क्षति भी हो रही है।
बिजली विभाग का काम- दूसरी ओर नगर निगम के आयुक्त ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि स्ट्रीट लाइट के फेज स्विच बंद करना बिजली विभाग का काम है। आउटडोर स्विच ही नगर निगम चालू और बंद करने का काम करता है। फिलहाल मैं भोपाल में हूं अपने अधिकारियों से शनिवार को बात कर मामले की छानबीन करूंगा। यदि बिजली विभाग की लापरवाही है तो हम नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
जबलपुर(नप्र)। दिन-रात जलने वाली स्ट्रीट लाइट पर जांच करने निकला बिजली अमला उस वक्त भौंचक रह गया जब उसने चोरी की बिजली से स्ट्रीट लाइट जलते पाई। इस आधार पर नगर निगम पर १२ माह का जुर्माना ठोक दिया गया है। इस कार्रवाई से नगर निगम में अफरा-तफरी मच गई है।
शहर के आधा दर्जन क्षेत्रों में दिन-रात स्ट्रीट लाइट जलने का मामला नईदुनिया में २६ नवंबर के अंक में प्रकाशित हुआ था। समाचार में दिए गए पोल क्रमांक शहर बिजली संभाग पश्चिम के थे लिहाजा पश्चिम संभाग ने खबर को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराई। जांच में स्ट्रीट लाइट जलती पाईं गईं। ये स्ट्रीट लाइट बिजली तारों से सीधे जो़ड़कर जलाईं जा रही थीं। इसके आधार पर बिजली विभाग ने चोरी की बिजली से जल रहे सभी पोलों पर २४ घंटे और १२ माह की बिलिंग कर जुर्माना कर नगर निगम को बिल भेज दिया है। ये पहला मौका है जब बिजली विभाग ने नगर निगम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
डीई आईके त्रिपाठी ने बताया कि जांच में एम७-३२/२, एन/२९ एसपी , एन२९ सी, जेड ५८, जेड ६३, वाय २६-५ पर लगे स़ड़क बत्ती के सोडियम बल्व चालू पाए गए। ये सभी फेज से जु़ड़े थे। जांच का पूरा ब्यौरा नगर निगम के कार्यपालन अभियंता प्रकाश विभाग को भेज दिया गया है।
छवि न करें खराब- श्री त्रिपाठी ने नगर निगम को लिखे पत्र में कहा है कि आप अपने अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देशित करें कि स्ट्रीट लाइट किसी भी सूरत में जलती न रहें। आपकी लापरवाही से हमारी कंपनी और विद्युत मंडल की छबि पर विपरीत प्रभाव प़ड़ता है। दिनभर लाइट जलने से ऊर्जा हानि के कारण राष्ट्रीय क्षति भी हो रही है।
बिजली विभाग का काम- दूसरी ओर नगर निगम के आयुक्त ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि स्ट्रीट लाइट के फेज स्विच बंद करना बिजली विभाग का काम है। आउटडोर स्विच ही नगर निगम चालू और बंद करने का काम करता है। फिलहाल मैं भोपाल में हूं अपने अधिकारियों से शनिवार को बात कर मामले की छानबीन करूंगा। यदि बिजली विभाग की लापरवाही है तो हम नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
23 नवंबर, 2010
थोरियम की ऊर्जा से होगा खूब उजाला
थोरियम की ऊर्जा से होगा खूब उजाला
साभार नई दुनिया २४नवम्बर ११
थोरियम यूरेनियम की तुलना में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और उसकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता यूरेनियम से २०० गुना अधिक है। मसलन एक टन थोरियम ३५ लाख टन कोयले के बराबर ऊर्जा उत्पन्ना कर सकता है।
मुकुल व्यास
दुनिया में बहुतायत में पाई जाने वाली थोरियम धातु खनिज ईंधन पर हमारी निर्भरता समाप्त कर सकती है लेकिन इसके लिए राष्ट्रपति ओबामा और पश्चिम के अन्य नेताओं को कुछ साहसिक निर्णय लेने पड़ेंगे। वैज्ञानिकों का दावा है कि थोरियम रिएक्टर दुनिया को ५ साल केअंदर खनिज तेल से मुक्ति दिला सकते हैं। थोरियम यूरेनियम की तुलना में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और उसकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता यूरेनियम से २०० गुना अधिक है। मसलन एक टन थोरियम ३५ लाख टन कोयले के बराबर ऊर्जा उत्पन्ना कर सकता है। थोरियम ईंधन का बहुत ही किफायती स्रोत है। कुदरती यूरेनियम को न्यूक्लियर रिएक्टर में इस्तेमाल करने से पहले काफी परिशोधित करना पड़ता है लेकिन थोरियम के मामले में ऐसा नहीं है। लगभग सारे थोरियम को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
सर्न (योरपीय परमाणु अनुसंधान संगठन) के पूर्व निदेशक कार्लो रूबिया ने यूरेनियम रिएक्टरों के सस्ते, स्वच्छ और किफायती विकल्प के तौर पर थोरियम के इस्तेमाल का आइडिया रखा है। थोरियम का इस्तेमाल अगली पीढ़ी के परमाणु बिजलीघरों में एनर्जी एम्प्लीफायर के रूप में किया जा सकता है। रूबिया के मुताबिक मुट्ठीभर थोरियम से लंदन जैसे शहर को एक हफ्ते तक रोशनी दी जा सकती है। थोरियम अपने खतरनाक कचरे को खुद हजम कर जाता है। यह यूरेनियम रिएक्टरों द्वारा छोड़े गए प्लूटोनियम की भी सफाई कर देता है। इस तरह यह एक ईको-क्लिनर के रूप में भी कैरी करता है। थोरियम इतनी आसानी से उपलब्ध है कि खनिक समुदाय इसे सिरदर्द के रूप में देखते हैं। इसे रेयर-अर्थ धातुओं की खुदाई के दौरान वेस्ट प्रोडक्ट समझा जाता है।
रूबिया के आइडिया पर अभी काफी काम करने की जरूरत है, लेकिन इसकी संभावित क्षमता को देखकर नार्वे की एक फर्म अकेर सल्यूशंस ने थोरियम साइकल के बारे में रूबिया का पेटेंट खरीद लिया है। अब वे एक प्रोटोन एक्सेलरेटर के डिजाइन पर काम कर रही हैं। १.८ अरब डॉलर की यह परियोजना नन्हे भूमिगत परमाणु रिएक्टरों के नेटवर्क को जन्म दे सकती है। इस नेटवर्क के प्रत्येक रिएक्टर से ६०० मेगावॉट बिजली उत्पन्न हो सकती है। बड़े-बड़े पारंपरिक न्यूक्लियर रिएक्टर की तुलना में इन नन्हे रिएक्टरों को सुरक्षा के लिए लंबे-चौड़े तामझाम की जरूरत नहीं पड़ेगी। थोरियम में अपार संभावनाएँ हैं। थोरियम सैकड़ों या हजारों वर्षों तक भविष्य की सभ्यताओं को ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
थोरियम आधारित नई टेक्नोलॉजी का विकास भारत के लिए एक अच्छी खबर हो सकता है। हमारे देश में थोरियम का प्रचुर भंडार है। भारत का इरादा २०४० तक बड़े पैमाने पर थोरियम आधारित रिएक्टर बनाने का भी है।
साभार नई दुनिया २४नवम्बर ११
थोरियम यूरेनियम की तुलना में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और उसकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता यूरेनियम से २०० गुना अधिक है। मसलन एक टन थोरियम ३५ लाख टन कोयले के बराबर ऊर्जा उत्पन्ना कर सकता है।
मुकुल व्यास
दुनिया में बहुतायत में पाई जाने वाली थोरियम धातु खनिज ईंधन पर हमारी निर्भरता समाप्त कर सकती है लेकिन इसके लिए राष्ट्रपति ओबामा और पश्चिम के अन्य नेताओं को कुछ साहसिक निर्णय लेने पड़ेंगे। वैज्ञानिकों का दावा है कि थोरियम रिएक्टर दुनिया को ५ साल केअंदर खनिज तेल से मुक्ति दिला सकते हैं। थोरियम यूरेनियम की तुलना में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और उसकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता यूरेनियम से २०० गुना अधिक है। मसलन एक टन थोरियम ३५ लाख टन कोयले के बराबर ऊर्जा उत्पन्ना कर सकता है। थोरियम ईंधन का बहुत ही किफायती स्रोत है। कुदरती यूरेनियम को न्यूक्लियर रिएक्टर में इस्तेमाल करने से पहले काफी परिशोधित करना पड़ता है लेकिन थोरियम के मामले में ऐसा नहीं है। लगभग सारे थोरियम को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
सर्न (योरपीय परमाणु अनुसंधान संगठन) के पूर्व निदेशक कार्लो रूबिया ने यूरेनियम रिएक्टरों के सस्ते, स्वच्छ और किफायती विकल्प के तौर पर थोरियम के इस्तेमाल का आइडिया रखा है। थोरियम का इस्तेमाल अगली पीढ़ी के परमाणु बिजलीघरों में एनर्जी एम्प्लीफायर के रूप में किया जा सकता है। रूबिया के मुताबिक मुट्ठीभर थोरियम से लंदन जैसे शहर को एक हफ्ते तक रोशनी दी जा सकती है। थोरियम अपने खतरनाक कचरे को खुद हजम कर जाता है। यह यूरेनियम रिएक्टरों द्वारा छोड़े गए प्लूटोनियम की भी सफाई कर देता है। इस तरह यह एक ईको-क्लिनर के रूप में भी कैरी करता है। थोरियम इतनी आसानी से उपलब्ध है कि खनिक समुदाय इसे सिरदर्द के रूप में देखते हैं। इसे रेयर-अर्थ धातुओं की खुदाई के दौरान वेस्ट प्रोडक्ट समझा जाता है।
रूबिया के आइडिया पर अभी काफी काम करने की जरूरत है, लेकिन इसकी संभावित क्षमता को देखकर नार्वे की एक फर्म अकेर सल्यूशंस ने थोरियम साइकल के बारे में रूबिया का पेटेंट खरीद लिया है। अब वे एक प्रोटोन एक्सेलरेटर के डिजाइन पर काम कर रही हैं। १.८ अरब डॉलर की यह परियोजना नन्हे भूमिगत परमाणु रिएक्टरों के नेटवर्क को जन्म दे सकती है। इस नेटवर्क के प्रत्येक रिएक्टर से ६०० मेगावॉट बिजली उत्पन्न हो सकती है। बड़े-बड़े पारंपरिक न्यूक्लियर रिएक्टर की तुलना में इन नन्हे रिएक्टरों को सुरक्षा के लिए लंबे-चौड़े तामझाम की जरूरत नहीं पड़ेगी। थोरियम में अपार संभावनाएँ हैं। थोरियम सैकड़ों या हजारों वर्षों तक भविष्य की सभ्यताओं को ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
थोरियम आधारित नई टेक्नोलॉजी का विकास भारत के लिए एक अच्छी खबर हो सकता है। हमारे देश में थोरियम का प्रचुर भंडार है। भारत का इरादा २०४० तक बड़े पैमाने पर थोरियम आधारित रिएक्टर बनाने का भी है।
16 नवंबर, 2010
13 नवंबर, 2010
"HOW TO MAKE MONEY THROUGH ENERGY AUDITING"-JUST RELEASED
"HOW TO MAKE MONEY THROUGH ENERGY AUDITING"-JUST RELEASED- P.BALASUBRAMANIAN
Please refer Bureau of Energy Efficiency’s(Union Ministry of Power) official website viz.
http://www.energymanagertraining.com/new_energy_mag.php#b
My earlier book titled "Energy Auditing Made Simple" was well received by the Consultants, Industries and Engineers. Inspired by the roaring success of the above book, we have brought out completely a new book titled "How to Make Money through Energy Auditing", approximately 3 times the size.
This book has all that required to write a complete practical Energy Audit Report. Included in the book are actual Preliminary and Detailed energy audit reports, 200 Energy Conservation Opportunities covering all sectors, 100 tips to do business in energy auditing, addresses of all manufacturers, SDA’s, Consultants, etc. Sample quotations, brochure, work order, contract and auditing agreement, actual reports, etc., are included in the book. Latest marketing addresses & techniques are given in the book.
Address for ordering:
How to make money through Energy Auditing-(1428 pages)-2 volumes. Rs.5,000/-
Early bird offer 40%.Postage, packing and forwarding free within India. Send D.D. for
Rs. 3000/- in the name of "P. Balasubramanian", payable at Chennai, India. Another discount of Rs.500/- for those who have bought my earlier book "Energy Auditing Made Simple".
P. Balasubramanian,SEPERATION ENGINEERS (P) LTD.,13/5, Masilamani Colony,(Near Vivekananda College), Mylapore, Chennai - 600 004, Ph: 044-24991234 Mob: 9444175318 Telefax:044-24987637,
email: balasubramanian.energyaudit@gmail
Please refer Bureau of Energy Efficiency’s(Union Ministry of Power) official website viz.
http://www.energymanagertraining.com/new_energy_mag.php#b
My earlier book titled "Energy Auditing Made Simple" was well received by the Consultants, Industries and Engineers. Inspired by the roaring success of the above book, we have brought out completely a new book titled "How to Make Money through Energy Auditing", approximately 3 times the size.
This book has all that required to write a complete practical Energy Audit Report. Included in the book are actual Preliminary and Detailed energy audit reports, 200 Energy Conservation Opportunities covering all sectors, 100 tips to do business in energy auditing, addresses of all manufacturers, SDA’s, Consultants, etc. Sample quotations, brochure, work order, contract and auditing agreement, actual reports, etc., are included in the book. Latest marketing addresses & techniques are given in the book.
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P. Balasubramanian,SEPERATION ENGINEERS (P) LTD.,13/5, Masilamani Colony,(Near Vivekananda College), Mylapore, Chennai - 600 004, Ph: 044-24991234 Mob: 9444175318 Telefax:044-24987637,
email: balasubramanian.energyaudit@gmail
03 नवंबर, 2010
happy deepawali...
दीपावली के मूल में प्रकाश का विस्तार है , और आज सतत प्रकाश का पर्याय है बिजली ..
दीपावली का आधार है ठोस निर्माण , और आज प्रत्येक कर्म के लिये अनिवार्य है बिजली ...
दीपावली नेह और खुशियो का उल्लास है , और बिजली ही है जो उर्जा देती है अनवरत हमारी खुशियो को ...
क्षिति , जल , पावक , पवन , समीर ..पंच तत्वो को हमारी संस्कृति ने स्वीकारा है ,
अब समय आ गया है कि बिजली की छिपी हुई शक्ति को जो इलेक्ट्रान , प्रोटान के रूप में हर तत्व में समाई हुई है ,
जो नभ में है , जो जल में है , जो पृथ्वी में है ...
उसे छठवें आध्यात्मिक तत्व के रूप में स्थान दिया जावे .
बिजली को महत्व दें , बिजली कर्मियो को सम्मान दें ,
बिजली रेल की तरह राष्ट्र को एक सूत्र में जोड़ती है ....बिजली को केंद्रीय विषय बनाया जावे ...
happy deepawali...
दीपावली का आधार है ठोस निर्माण , और आज प्रत्येक कर्म के लिये अनिवार्य है बिजली ...
दीपावली नेह और खुशियो का उल्लास है , और बिजली ही है जो उर्जा देती है अनवरत हमारी खुशियो को ...
क्षिति , जल , पावक , पवन , समीर ..पंच तत्वो को हमारी संस्कृति ने स्वीकारा है ,
अब समय आ गया है कि बिजली की छिपी हुई शक्ति को जो इलेक्ट्रान , प्रोटान के रूप में हर तत्व में समाई हुई है ,
जो नभ में है , जो जल में है , जो पृथ्वी में है ...
उसे छठवें आध्यात्मिक तत्व के रूप में स्थान दिया जावे .
बिजली को महत्व दें , बिजली कर्मियो को सम्मान दें ,
बिजली रेल की तरह राष्ट्र को एक सूत्र में जोड़ती है ....बिजली को केंद्रीय विषय बनाया जावे ...
happy deepawali...
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