बिजली क्षेत्र में कम्प्यूटरीकरण से पारदर्शिता एवं भ्रष्टाचार नियंत्रण
विवेक रंजन श्रीवास्तव
ओ.बी. ११ विद्युत मंडल कालोनी
रामपुर, जबलपुर
आज के समय में समाज का जो नैतिक एवं चारित्रीक अद्योपतन हो रहा है एवं जिस तेजी से रूपये का महत्व बढ रहा है उसके चलते भ्रष्टचार को शिष्टाचार माना जाने लगा है। थोडी से अतिरिक्त सुविधा तथा नियम से चलने पर होने वाली कठिनाई से बचने के लिये लोग रूपये खर्च करने से कतराते नहीं है। इससे भ्रष्टचार को बढावा मिल रहा हैं। वे सभी क्षेत्र जिनमें आम नागरिक जुडे हुये है, बढती आबादी के कारण एवं शासकीय कार्यप्रणाली की लालफीताद्गााही तथा संसाधनों की कमी के कारण भ्रष्टचार के द्गिाकार है।
बिजली वितरण के क्षेत्र में भी बिजली की कमी, कर्मचारियों एवं संसाधनों की कमी, नये बिजली उपयोगकर्ताओं की संखया में बेतहाद्गाा वृद्धि, वैद्युत उपकरणों से सुख-सुविधाओं में हो रहे नित नये परिवर्तनों के कारण नये बिजली कनेक्द्गान प्राप्त करना टेढी खीर है। जिन लोगों के पास बिजली कनेक्शन है उन्हें सुधार कार्य हेतु एवं भारवृद्धि आदि कार्यो हेतु व्यापक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
नियामक आयोग का गठन, अम्बड्समैन की संस्थापना, जनसुनवाई कार्यक्रम, उपभोक्ता फोरम आदि आदि भ्रष्टचार नियत्रंक सुविधायें प्रारंभ की जा रही है। पर इस सबके बाद भी विद्युत क्षेत्र में भ्रष्टचार में कमी नहीं हो पा रही है।
यदि नियमानुसार अस्थाई कनेक्द्गान के लिये आवेदन करके आवेदक घर पर बैठा रहे तो शादी आदि का वह कार्यक्रम जिसके लिये अस्थाई कनेक्द्गान चाहा गया हो संपन्न भी हो जायेगा पर शायद अस्थाई कनेक्द्गान का आवेदन, आवेदन ही बना रह जायेगा। इसके विपरीत विद्गिाष्ट शैेली में संबंधित कार्यालय से संपर्क हो तो घर बैठे फॉर्म भरने से रूपये जमा करने तक के सारे कार्य सरलता से हो जाते है। ऐसी स्थिति लगभग पूरे देद्गा में ही हेै। केवल नियमों के आधार पर जमा राशि में से शेष बची राशि को वापस प्राप्त करना दुष्कर कार्य है। ऐसी स्थितियों के लिये जितने जिम्मेदार संबंधित कर्मचारी है उससे कहीं ज्यादा जवाबदार ढेर सारे नियम कायदों की पेचिदगियॉं एवं वे लोग है जिन्हें सब्र नहीं है।
कम्प्यूटरीकरण के माध्यम से रेल्वे रिजर्वेद्गान से भ्रष्टचार की समाप्ति में एक बहुत एवं सफल प्रयोग हम सबने देखा एवं अनुभव किया है। बिजली वितरण के क्षेत्र में भी कम्प्यूटरीकरण एवं नेटवर्किंग व्यापक पारदद्गर्िाता एवं भ्रष्टचार में नियंत्रण ला सकता है। आवद्गयक है कि इसके लिये फ्यूज आफ कॉल सेंटर, वितरण कार्यालय, बिल जमा करने की प्रणाली के स्तर पर कम्प्यूटर सुविधायें प्रदान कर उन्हें नेटवर्क के माध्यम से जोड दिया जावे। जितना पैसा उपभोक्ता भ्रष्टाचार के रूप में व्यय करता है उसका थोडा सा हिस्सा भी इस व्यवस्था हेतु उपभोक्ताओं से रसीद के माध्यम से लिया जावे तो इस कम्प्यूटरीकरण का सारा व्यय सहज ही पूरा किया जा सकता है। इस तरह के कम्प्यूटरीकरण से सबके साथ समान व्यवहार, नियमानुसार खर्च, सुरक्षानिधि की लोड के समानुपातिक निद्गिचत राद्गिा, कनेक्द्गान में लगने वाला समय, बिलिंग आदि में पूर्ण पारदद्गर्िाता अर्जित की जा सकती है।
विद्युत क्षेत्र में सुधार हेतु राष्ट्रीय स्तर पर ढेर सारा व्यय एवं नित नये प्रयोग हो रहे है। ऐसे समय में विद्युत वितरण प्रणाली में कम्प्यूटरीकरण समय की अनिवार्य आवश्यकता है।
विवेक रंजन श्रीवास्तव