गांवों में ट्रांसफारमर स्तर पर उपभोक्ता सहकारी समिति बनाकर उस समिति को विद्युत वितरण कंपनी कनेक्शन दे।......
प्रायः गांवो से बिजली बिल वसूल न होने की शिकायत वितरण कंपनी के अधिकारियो को रहती है ..
मेरा सुझाव है कि यदि गांवों में ट्रांसफारमर स्तर पर उपभोक्ता सहकारी समिति बनाकर उस समिति को विद्युत वितरण कंपनी कनेक्शन दे,और उस ट्रांसफारमर के रखरखाव , व उससे दिये जाने वाले अस्थाई सिंचाई कनेक्शनो की जबाबदारी अग्रिम अनुमानित भुगतान के आधार पर इन समितियों को सौपी जावे तो गांवो से बिल वसूली के आशातीत परिणाम मिल सकते है ..अग्रिम भुगतान हेतु शासन या कृषि बैंक आदि समिति को सहयोग कर सकते हैं ,समिति के सदस्य उप मीटर लगाकर या अपने खेतो की भुमि या उपयोग की जानी वाली बिजली की पम्प या मोटर अथवा बल्ब की अश्व शक्ति के अनुसार परस्पर बिल बांट सकते है .. व ट्रांसफारमर पर लगाये गये मीटर के आधार पर बिजली विभाग एक बिन्दु पर समिति को बिलिग कर अनेक समस्याओ से बच सकता है .
चूकि गावो मे बिजली अत्यंत कम दर पर प्रदान की जाती है व वहां बिजली प्रदान करना व्यापारिक दृष्टि से तो लाभकारी नही है पर सामाजिक जबाबदारी व कृषि के लिय बेहद जरूरी है अतः स्वल्प संसाधनो से जूझ रहे वितरण कंपनी के लिये यह प्रोग उपयोगी हो सकता है ..आशा है कि मेरे सुझाव पर विचार किया जावेगा ...
................................power is key for development, let us save power,
19 अगस्त, 2009
13 अगस्त, 2009
मुख्य मंत्री श्री शिवराज चौहान को उनके सकारात्मक कदम के लिये बधाई ......
बिजली की कमी के मुद्दे पर म.प्र. के मुख्य मंत्री जी ने अनुकरणीय पहल करते हुये न केवल अपनी सरकार के एअर कंडीशनर बंद करवा दिये वरन निओन लाइट के विज्ञापन भी प्रतिबंधित कर दिये हैं.. जनता से भी बिजली बचाने की अपील की है ...इस वर्ष स्वल्प वर्षा के चलते जल विढ़्युत ही नही थर्मल पावर भी कम ही बन पायेगी क्योकि शीतलीकरण के लिये जरूरी पानी भी पावर स्टेशन में जलाशयो में नही भर पाया है ....मेरे ब्लाग पर मै पिछली पोस्टों में लगातार लिखता रहा हूं कि वर्तमान बिजली संकट से निकलने का एकमात्र तरीका परमाणु विद्युत गृहो का निर्माण ही है ...अमेरिका से हुये विगत समझौते के बाद भी अब तक कोई परमाणु बिजली घर पर कार्ठ क्यो प्रारंभ नही किया जा रहा ?????? जो भी हो फिलहाल मुख्य मंत्री श्री शिवराज चौहान को उनके सकारात्मक कदम के लिये बधाई ......
12 अगस्त, 2009
पर्यावरण के प्रति चेतना ...
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